इलाहाबाद। साधु-संतों की जानी मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं की चौथी सूची जारी करते हुए क्रियायोग गुरु योगी सत्यम को फर्जी घोषित किया है।
परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि की अध्यक्षता में सोमवार को कीड़गंज स्थित पंचायती निर्मल अखाडा में करीब तीन घंटे तक चली। बैठक के बाद गिरि ने बताया कि सर्वसम्मति से प्रयाग के योगी सत्यम को फर्जी बाबा घोषित किया गया है। इस बैठक में सभी 13 अखाडों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उन्होंने बताया कि अभी तक फर्जी बाबाओं की तीन सूची जारी की जा चुकी है जिसमें कुल 19 लोगों को फर्जी बाबा घोषित किया गया है। गहन छानबीन के बाद जारी चौथी सूची में योगी सत्यम काे फर्जी बाबा घोषित किया गया है। आगे भी फर्जी बाबाओं के नाम की सूची जारी की जाएगी।
गिरि ने बताया कि फर्जी बाबा वह है जो किसी साधु परंपरा या अखाड़ा परिषद से जुडा हुआ नहीं है। बाजार से गेरूआ वस्त्र पहनकर बाबा नहीं बना जा सकता है और इसके लिए दीक्षा की आवश्यकता होती है। उत्तर प्रदेश में रहने वाले साधुओं की जांच की जाएगी, यदि कोई कानून का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गिरि ने कहा कि जिन साधु-सन्तों की वजह से सनातन धर्म की प्रतिष्ठा गिरती है, उन्हें बाबा के तौर पर कुम्भ में आने से रोका जाएगा। गृहस्थ के रुप में कोई भी आ सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रवचन और चमात्कार दिखाकर धर्मावालम्बियों की भावनाओं से खिलवाडकर अकूत सम्पदा अर्जित करने वाले बाबाओं को बेनकाब किया जाएगा। धूर्त बाबा आगे भी बेनकाब किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे बाबाअों के कारण ही समाज में साधू-संतों को लेकर गलत संदेश जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि बैठक में सनातन धर्म का गलत प्रचार करने या आपराधिक कार्यो में लिप्त रहने का आरोप लगाते हुए 16 मार्च को दो और बाबाओं चक्रपाणी महराज और प्रमोद कृष्णनन को फर्जी करार दिया गया था। उन्होंने बताया कि इनका न तो अखाडा और न ही किसी साधु परंपरा से सम्बन्ध है। परिषद ने घोषणा करते हुए कहा कि जो भी साधु समाज इनके कार्यक्रमों में शिरकत करेगा या उन्हें आमंत्रित करेगा परिषद द्वारा उसे बहिष्कृत माना जाएगा।
इससे पहले परिषद ने दस सितंबर 2017 को जारी सूची में 14 बाबाओं और 29 दिसंबर को तीन धर्मगुरुओं का नाम फर्जी बाबा के रूप में घोषित कर चुकी है। अब तक 19 बाबाओं को फर्जी बाबा घोषित किया जा चुका है।
परिषद के अनुसार कथावाचकों को संत नहीं कहा जाना चाहिए। कथावाचक सिर्फ कथावाचक है। ऐसे लोग जो किसी परंपरा से जुड़े नहीं हैं, वे संत नहीं हो सकते हैं। ऐसे लोग मनमुखी संत हैं, भीड़ बटोरने से कोई संत नहीं हो जाता है। संत होने के लिए सनातन, संन्यासी, आचार्य, नाथ जैसी किसी परंपरा से जुड़ाव जरूरी है।
आगरा परिषद द्वारा अब तक डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, आसाराम बापू उर्फ आशूमल शिरमलानी, सुखविंदर कौर, सच्चिदानन्द उर्फ राधे मां, ओम बाबा उर्फ विवेकानन्द झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानन्द उर्फ शिवूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानन्द, ऊं नम: शिवाय बाबा, नारायण सांई, रामपाल, कुशिमुनि, बृहस्पति गिरि और मलखान गिरि, सचिदानन्द सरस्वती (बस्ती वाले), वीरेन्द्र देव दीक्षित कालनेमी (दिल्ली) और इलाहाबाद की धर्माचार्य त्रिकाल भवन्ता को फर्जी बाबा घोषित किया जा चुका है।
अखाडा परिषद के महंत ने एक सवाल के जवाब में बताया कि परिषद द्वारा बहिष्कृत लोगों की तरफ तरफ से उन्हें अभी तक कोई अदालती नोटिस नहीं मिली है। अगर नोटिस मिलेगी तो उसका जवाब दिया जाएगा।
बैठक में कुंभ को लेकर प्रयाग के विकास, बेनी माधव, द्ववादश माधव, और परिक्रमा मार्ग की तत्काल मरम्मत तथा शुरू हो रहे कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाने पर बातचीत हुई। उनका कहना है कि कुंभ मेला का अब अधिक दिन नहीं रह गया है इसलिए इन कार्यों का प्रशासन शीघ्र पूरा कराये जिससे मेले में आनेवाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की तकलीफ न हो।
उन्होंने कहा परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल इस सिलसिले में 29 मार्च को दिल्ली जाकर भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से दिल्ली में जाकर मुलाकात की। उन्होंने मेला से सम्बन्धित सभी विकास कार्य को गुणवत्ता के आधार पर समय से पूरा होने का आश्वासन दिया और कहा कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात करेंगे।
अध्यक्ष ने बताया कि परिषद की तरफ से अमित शाह को इलाहाबाद आने का निमंत्रण दिया गया है। उन्होंने निमंत्रण सहर्ष स्वीकार करते हुए आने का आश्वासन दिया है।