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फर्जी एजेंटों के जरिये विदेश न जाएं अकुशल कर्मचारी : वीके सिंह
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फर्जी एजेंटों के जरिये विदेश न जाएं अकुशल कर्मचारी : वीके सिंह

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फर्जी एजेंटों के जरिये विदेश न जाएं अकुशल कर्मचारी : वीके सिंह
Do not go abroad for jobs via fake agents says VK Singh
Do not go abroad for jobs via fake agents says VK Singh

अमृतसर। विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को अपील की कि नकली एजेंटों के माध्यम से कम पढ़े-लिखे लोग, अकुशल कर्मचारी, मजदूर विदेश न जाएं, इराक में मारे गए 39 भारतीयों के पार्थिव अवशेष एक विशेष विमान से अमृतसर लाने के बाद सिंह ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह जो 39 लोग मारे गए हैं इनके बारे में एंबेसी में कोई जानकारी नहीं थी। कुछ पता ही नहीं था कि वह कब गए, कैसे गए।

सिंह ने बताया कि 39 लोगों का डीएनए मैच हो गया जिनके पार्थिव अवशेष लाए गए हैं। एक शव का डीएनए मैच 70 फीसदी हुआ है। उसके भाई-बहन का डीएनए लिया गया है जो वहां फिर से मिलान किया जाएगा और पुष्टि होने के बाद शव भारत को दिया जाएगा।

सिंह ने मृतकों के परिजनों से अपील की कि वहां ताबूत न खोलें क्योंकि वहां जांच की प्रक्रिया में रसायनों का इस्तेमाल किया गया है और ताबूत खोलने से हवा लग सकती है और अवशेषों को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि वह परिजनों को ताबूत सौंप रहे हैं और यह उन पर निर्भर है कि वह घर जाकर चाहें तो अंतिम संस्कार करने से पहले ताबूत खोलें।

इस अवसर पर नवजोत सिंह सिद्धू ने मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि योग्यता के आधार पर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पहले से परिवारों को बीस-बीस हजार रुपये की पेंशन दे रही है।

विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने सभी राज्य सरकारों से अपील की कि फर्जी एजेंटाें पर कार्रवाई करें। श्री सिद्धू ने कहा कि उनकी सरकार लोगों को नौकरी का झांसा देकर विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एजेंटों के खिलाफ पहले से कार्रवाई कर रही है और अब और सख्ती से करेगी।

पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार भी पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता करेगी। पीड़ित परिवारों का कहना था कि संसद में विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज के भारतीय बंधकों के इराक में मौत की पुष्टि करते समय भी ऐसा कहा गया था लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक किसी सहायता की घोषणा नहीं की है।

पार्थिव अवशेष लेकर विमान करीब दो बजे अमृतसर हवाई अड्डे पहुंचा था लेकिन पीड़ितों के परिजन सुबह नौ बजे ही पहुंच गए थे। एक परिजन ने बताया कि ‘बंद‘ होने के कारण उन्होंने जल्दी आना ठीक समझा क्योंकि अन्यथा हवाई अड्डे तक पहुंचने में समस्या आ सकती थी।

सिद्धू ने कहा कि चूंकि अंधेरा होने के बाद अंतिम संस्कार नहीं किया जाता, पार्थिव अवशेष देरी से मिलने के कारण अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह ही किये जाने की संभावना है।

इराक में निर्माण मजदूर के रूप में कार्य करने के लिए 2014 में गए इन 40 भारतीयों का आतंकी संगठन आईएस ने अपहरण किया था। स्वराज ने पिछले महीने संसद में खुलासा किया था कि बंधकों को मार दिया गया था। इनमें पंजाब से 27, हिमाचल से चार, बिहार से छह और एक पश्चिम बंगाल से है।