सबगुरु न्यूज-सिरोही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे करिश्माई व्यक्ति के आह्वान पर जिला मुख्यालय पर भाजपा द्वारा आयोजित एक दिवसीय उत्साह के प्रति भाजपाइयों का कोई उत्साह नहीं दिखा। मूल संगठनों से ज्यादा मोर्चों की मौजूदगी ने यह सिद्ध कर दिया कि या तो मोदी के प्रति भाजपाइयों में वो उत्साह नहीं रहा या जिले के जनप्रतिनिधयों व संगठन के पदाधिकारियों के प्रति। कई जनप्रतिनिधि भी प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर आयोजित इस उपवास में नहीं पहुंचे। भाजयुमो, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा आदि ने इनकी मूल संगठन और देवासी की लाज बचा ली।
विपक्ष द्वारा बजट सत्र में व्यवधान उत्पन्न करने के विरोध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को एक दिवसीय उपवास का आह्वान किया। जिला मुख्यालय पर नगर परिषद के बाहर भाजपा द्वारा सवेरे दस से शाम पांच बजे तक उपवास रखा गया। इस उपवास कार्यक्रम में लिए राज्यसभा सदस्य नारायण पंचारिया सिरोही के प्रभारी थे।
उनकी मौजूदगी में ओटाराम देवासी, जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया, सभापति ताराराम माली, तारा भंडारी, भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी, जिला मंत्री अशोक पुरोहित, भाजयुमो जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष गणपतसिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित, विरेन्द्रसिंह चैहान, लोकेश खंडेलवाल, सुरेश सगरवंशी, नारायण देवासी, महिपालसिंह, विरेन्द्र एम चैहान, माणकचंद सोनी, देव नामदेव आदि की मौजूदगी में करीब दस बजे उपवास शुरू हुआ।
जिले में भाजपा की जिला कार्यकारिणी में तीस से ज्यादा पदाधिकारी हैं। इसके अलावा 17 मंडल और इतने ही मोर्चे और प्रकोष्ठ हैं। लेकिन, यहा उपस्थित संख्या यह बता रही थी कि भाजपाइयों में किस कदर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान को लेकर समर्पण था। कुछ पदाधिकारियों के लिए तो उपवास पर्यटन स्थल था, जो यहां से आते रहे और जाते रहे। शाम पांच बजे उपवास समाप्त होने तक साठ सत्तर पदाधिकारी व कार्यकर्ता ही पांडाल में मौजूद दिखे।
अंत में जनप्रतिनिधियों व वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में निर्णायक पारदर्शी, जवाबदेही और सुशासन देने वाली मजबूत सरकार है। जिसके चार साल के कार्यकाल में देश ने हर क्षेत्र में सफलता के नए आयाम स्थापित किये है। कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी के विकास माॅडल का विरोध करने के लिए सारे हथकंडे अपनाने के बावजूद विफल हो गये है।
उन्होनें कहा कि कांग्रेस ने सरदार पटेल के योग्य होते हुए भी नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया। जबकि सरदार पटेल के पास 70 प्रतिशत समर्थन था 1984 के दंगों को कभी भूल नही सकते जिसमें सिक्ख समुदाय लोगों की निर्मम हत्या हुई थी। कांग्रेस ने 1991 में रामजन्म भूमि मसले पर कई प्रदेशों की सरकार गिराई गयी थी। कांग्रेस ने इतिहास को नष्ट व भ्रमित करने का कार्य किया है।
इस मौके पर जिला महामंत्री मदनसिंह देवडा, कालुराम जणवा, प्रधान प्रज्ञा कुंवर, पूंजाराम मेघवाल, पिण्डवाडा नगरपालिका अध्यक्ष सीमा भाटिया, जिला उपाध्यक्ष भवानीसिंह सिंदल, सूरजपाल सिंह, हिम्म्त राजपुरोहित, भंवर परमार, जुजार सिंह, अर्जुन पुरोहित, नरपतसिंह राणावत, नैनसिंह राजपुरोहित, प्रकाश भाटी, कालुराम चैधरी, हीराराम चैधरी, भैराराम माली, पुखराज गहलोत, अरूण ओझा, महिपाल चारण, जब्बर सिंह, रमजान खान, जितेन्द्र खत्री, रणछोड कुम्हार, मगन मीणा, अमिया बेन, अरूणा बेन, दिलीप ओझा, वेनाराम प्रजापत, अजय वाला, शैलेष, हेमलता पुरोहित, कल्पना पुरोहित, दम्यति डाबी, मंजू मेघवाल, प्रर्मिला सुथार, नारायण देवासी, प्रकाश पटेल, धनपतसिंह, गंगासिंह, तेजसिंह, अमराराम प्रजापत, अनिल संगरवशी, रामेश्वर कंसारा, प्रभु मेघवाल, निलेश प्रजापत, गौरव काशिवा ओर कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।
सवा बारह बजे पहुंचे पिण्डवाडा विधायक
पिण्डवाडा विधायक समाराम गरासिया उपवास स्थल पर करीब सवा बारह बजे पहुंचे। इस समय तक माउण्ट आबू पालिकाध्यक्ष सुरेश थिंगर, आबूरोड पालिकाध्यक्ष सुरेश सिंदल, शिवगंज पालिकाध्यक्ष, रेवदर विधायक जगसीराम कोली तो पहुंचे तक नहीं थे। जिलाध्यक्ष के सबसे करीबी माने जाने वाले भाजपा जिला उपाध्यक्ष विजय गोठवाल का तो पार्टी पदाधिकारी ही पलकें बिछाए हुए इंतेजार करते नजर आए।
भिड लिए दो पदाधिकारी
मोदी जी का उपवास करने के पीछे मकसद महात्मा गांधी की तरह विपक्ष की हरकतों को अहिंसात्मक तरीके से विरोध प्रदर्शित करना था। लेकिन, उपवास स्थल पर भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष और किसाना मोर्चा अध्यक्ष की आपस में उलझ लिए। वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इन्हें शांत किया।
टैंट के आकार से ही लग जाता है तैयारी का अंदाजा
भाजपा इस उपवास कार्यक्रम की तैयारी के लिए कितना तैयार थी, इसका अंदाजा कार्यक्रम के लगाए गए टैंट के साइज से ही लग जाता है। यहां पर दस गुणा दस के छह टेंट लगाए गए। इस आकार के एक टैंट के नीचे 25 लोग बैठ सकते हैं। ऐसे में भाजपा ने तैयारी ही 150 लोगों की थी। यह बात अलग है कि उपवास स्थल पर जिलाध्यक्ष ने यह जरूर बोला था कि प्रत्येक मंडल से 15-20 लोगों ने उपवास में बैठने के लिए नाम लिखवाया है। ऐसे में यहां पर पहले से ही तैयारी कम से कम 500 लोगो के बैठने की करनी थी। उपवास स्थल पर स्थित यह थी कि इस दौरान चार टैंट का ही पर्याप्त इस्तेमाल हो पाया। ऐसे में सौ से सवा सौ के आसपास पदाधिकारी व कार्यकर्ता एक समय में यहां पर उपस्थित रहे।