जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने सरकार को अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध बताते हुए कहा है कि कुछ लोग आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आरक्षण न तो खत्म हुआ है और न ही इसे समाप्त होने देंगे।
राजे शनिवार को डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 127वीं जयंती पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर ने सबको समान अधिकार दिलाने, भेदभाव एवं कुप्रथाओं के मिटाने तथा पिछड़े तबके को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
बाबा साहब की सोच थी कि सभी मजहब, सभी जाति, सभी वर्ग एवं सभी कौमों को साथ लेकर चलने से ही देश आगे बढ़ेगा। हम बाबा साहब की इसी सोच के साथ प्रदेश और देश को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा आज प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग को विभिन्न पदों पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है। उन्होंने कहा कि भामाशाह रोजगार सृजन योजना के तहत इस वर्ग के लोगों को स्वयं का उद्योग लगाने के लिए अनुदान की दर चार से बढ़ाकर आठ प्रतिशत और ऋण राशि पांच लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की है।
विनिर्माण क्षेत्र में उद्यम लगाने के लिए एससी के युवाओं को ऋण राशि 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये की गई है। साथ ही इस वर्ग की महिलाओं के पक्ष में अचल सम्पत्ति के हस्तांतरण विलेख पर स्टाम्प शुल्क तीन प्रतिशत किया गया।
उन्होंने कहा कि एससी वर्ग के विद्यार्थियों को आईआईटी, आईआईएम सहित राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल और तकनीकी संस्थानों में प्रवेश की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री नि:शुल्क कोचिंग योजना शुरू की गई। साथ ही एससी वर्ग के किसानों को करीब 10 हजार करोड़ के अल्पकालीन ऋण वितरित किए जा चुके हैं।
राजे ने घोषणा की कि राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के युवाओं के लिए उद्योग में रोजगार के और अधिक अवसर सृजित करने के लिए एक ऐसी योजना लाई जा रही है जो देश में अपने किस्म की पहली योजना होगी। इसके तहत यदि किसी उद्यम में राजस्थान के मूल निवासी एससी-एसटी के कर्मचारी 15 प्रतिशत से अधिक नियुक्त किए जाते हैं तो प्रत्येक एससी-एसटी कर्मचारी के लिए एम्पलॉयमेंट सब्सिडी पांच से 10 हजार रुपए की जाएगी। अधिकतम कुल सब्सिडीे 85 हजार रुपए प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष दी जाएगी।
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