चित्तौड़गढ़। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने चित्तौड़गढ़ जिले में देश में पहली बार बनने वाले भगवान परशुराम के पैनोरमा का बुधवार को शिलान्यास किया।
राजे ने परशुराम जयंती के अवसर पर जिले के मातृ कुण्डिया में एक करोड़ अस्सी लाख रुपए की लागत से बनने वाले परशुराम पैनोरमा का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि राजस्थान के इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि परशुराम जयन्ती पर भगवान परशुराम की तपोस्थली मातृकुण्डिया में इस पैनोरमा का शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि अब हर वर्ष भगवान परशुराम की जयन्ती पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा।
उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम का पैनोरमा तैयार हो जाने के बाद यहां राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान में संरक्षित लगभग 342 वर्ष पुरानी सचित्र पांडुलिपि की प्रति रखी जाएगी ताकि यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भी इस प्राचीन ग्रंथ से रूबरू हो सकें। यह पांडुलिपि राज्य धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने मुख्यमंत्री को भेंट की थी।
मुख्यमंत्री ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी शर्मा को विश्वविद्यालय में भगवान परशुराम पर शोध केन्द्र शुरू करने की पहल के लिए बधाई भी दी। राजे ने कहा कि आने वाला वक्त टेक्नोलॉजी का है, लेकिन इसके बावजूद उनकी सरकार ने महापुरूषों के जो पैनोरमा बनाए हैं वे आने वाली पीढ़ियों को गौरवशाली इतिहास की कहानियां सुनाते रहेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बेगूं में स्वतंत्रता सेनानी रूपाजी-कृपाजी का पैनोरमा बनाने की घोषणा भी की। राजे ने कहा कि प्रदेशभर में 550 करोड़ रुपए की लागत से 125 धर्मस्थलों का जीर्णोद्धार तथा 100 करोड़ से अधिक की लागत से महापुरूषों के 39 पैनोरमा निर्माण का काम उनकी सरकार ने हाथ में लिया है ताकि आस्था के प्रतीक धार्मिक स्थल दर्शनीय स्थल के रूप में भी विकसित हो सकें।
श्रीमंगलेश्वर महादेव के दर्शन कर की पूजा-अर्चना
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बुधवार को चित्तौड़गढ़ के मातृ कुण्डिया में श्री मंगलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने यहां पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री श्रीचन्द कृपलानी, देवस्थान राज्यमंत्री राजकुमार रिणवा, सांसद सीपी जोशी, विधायक अर्जुन लाल जीनगर तथा अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।