अहमदाबाद। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून बनाने समेत अन्य मांगों को लेकर यहां अनिश्चितकालीन अनशन (आमरण अनशन) पर बैठे विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने गुरुवार को तीसरे दिन साधु-संतों के आग्रह पर इसे समाप्त कर दिया।
तोगड़िया ने गत 14 अप्रेल को विहिप के पहले सांगठनिक चुनाव में अपने खेमे की करारी पराजय के बाद ही केंद्र की मोदी सरकार पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समेत हिन्दुओं के अन्य मुद्दों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए 17 अप्रेल से अनशन पर बैठने की घोषणा की थी।
वह यहां पालडी में वाणिकर भवन परिसर में साधु संतों के साथ तीन दिनों से उपवास पर बैठे थे। मधुमेह के रोगी तोगड़िया के रक्त शर्करा का स्तर और रक्तचाप बढ़ गया था। साधु संतों के हाथों से फलों का रस पीकर अपना अनशन आज समाप्त कर दिया।
ज्ञातव्य है कि तोगड़िया ने अनशन की शुरूआत के मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया था और उन पर हिन्दुओं से वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। अनशन को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के गुजरात के प्रांत प्रचार चिंतन उपाध्याय समेत तीन शीर्ष नेताओं के आग्रह को तोगड़िया ने ठुकरा दिया था। इसके बाद भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र पटेल ने भी उन्हें समझाने का प्रयास किया था। उनके अनशन को शिवसेना ने भी समर्थन दिया था।