पटना। भारतीय जनता पार्टी से लम्बे समय से नाराज चल रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को पार्टी से सभी तरह के संबंध को तोड़ने और दलगत राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए कहा कि वह भविष्य में भी किसी पद के दावेदार नहीं होंगे।
सिन्हा ने श्रीकृष्ण स्मारक भवन में राष्ट्र मंच की ओर से विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास के तहत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश की परिस्थिति चिंताजनक है। जो कुछ हो रहा है उसके खिलाफ खड़ा नहीं होते हैं तो आने वाले पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद का हाल बुरा है। संसद अपनी सबसे बड़ी जिम्मेवारी को निभाने में विफल हो गई है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ने नहीं लिया। सदन में लोकतंत्र का मजाक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय सख्त आदेश था कि सदन को किसी कीमत पर चलाया जाए। आज सरकार की ओर से इसके लिए कोई पहल नहीं की गई। प्रधानमंत्री बताएं कि उन्होंने सदन को चलाने के लिए क्या पहल की और क्या उन्होंने विपक्ष से इस संबंध में कोई बात की। ऐसा लगता है कि सरकार को डर था कि सदन के चलने से अविश्वास प्रस्ताव आ जाएगा।