जयपुर। प्रदेश की राजधानी गुलाबी नगरी में मंगलवार को होने वाला आठवां श्रीराम जानकी सर्व जातीय विवाह समारोह सामाजिक समरसता और सदभाव की अनूठी मिसाल कायम करेगा। एक ही पांडाल में विद्धान पंडित मंत्रोच्चारण के जरिए बिना जाति भेद 40 जोड़ों को जीवन भर एक दूसरे का साथ निभाने का वचन दिलाएंगे।
आयोजन समिति सचिव के हरिकृष्ण गोयल ने बताया कि सेवा भारती राजस्थान के तत्वावधान में आयोजित हो रहे आठवें सर्वजातीय विवाह सम्मेलन में आर्थिक रूप से कमजोर एवं जरूरतमंद परिवारों के 17 अलग अलग जातियों के 40 जोड़े दाम्पत्य जीवन की डोर से बंधेंगे।
आम्बाबाड़ी स्थित आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय परिसर में आयोजित हो रहे इस विशाल वैवाहिक सम्मेलन में वर वधू को आशीर्वाद देने के लिए शहर के समाजसेवी और संतजन भी मौजूद रहेंगे। जोडों के परिजनों एवं रिश्तेदार विवाह के साक्षी बनेंगे।
हिन्दू रीति रिवाज से वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराने की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। ढेर के बालाजी से सामूहिक बारात रवाना होगी। रास्ते में विभिन्न समाजों की ओर से स्वागत होगा। विवाह स्थल के प्रवेश द्वार पर सभी दूल्हे एक साथ तोरण मारेंगे।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में कुल 14 जगह सर्वजातीय विवाह सम्मेलन होंगे। बीते आठ साल में अब तक जयपुर में 291 जोडों का विवाह हो चुका है और इस साल भी भिवाड़ी, अलवर, भरतपुर तथा दौसा में भी सेवा भारती की ओर से सामूहिक विवाह सम्पन कराए गए। भीलवाड़ा, अजमेर सहित कई जिलों में भी सामूहिक विवाह होने की योजना तैयार हो चुकी है।
श्रीराम जानकी सर्व जातीय विवाह सम्मेलन 24 को, परिणय सूत्र में बंधेंगे 40 जोड़े