नई दिल्ली। दिल्ली डेयरडेविल्स के आईपीएल-11 में अब तक के बेहद खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गौतम गंभीर ने बुधवार को कप्तानी से इस्तीफा दे दिया और युवा बल्लेबाज़ श्रेयस अय्यर को शेष सत्र के लिए दिल्ली का नया कप्तान बना दिया गया।
गंभीर ने दिल्ली के कोच रिकी पोंटिंग और दिल्ली डेयरडेविल्स के सीईओ हेमंत दुआ की मौजूदगी में यहां फिरोज़शाह कोटला मैदान में दोपहर में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कप्तानी छोड़ने की घोषणा कर दी। गंभीर के कप्तानी छोड़ने के तुरंत बाद ही संवाददाता सम्मेलन में मौजूद श्रेयस की नए कप्तान के रूप में ताजपोशी हो गई।
कप्तानी छोड़ने वाले गंभीर और कोच पोंटिंग ने फिर एक स्वर में कहा कि यह अब हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम शेष मैचों में श्रेयस को पूरी तरह मदद करें ताकि दिल्ली का भाग्य बदला जा सके अौर वह प्लेऑफ में पहुंच सके।
बाएं हाथ के बल्लेबाज गंभीर आईपीएल में शुरूआती तीन साल दिल्ली के साथ खेलने के बाद कोलकाता नाइटराइडर्स टीम में चले गए थे जहां उन्होंने दो बार अपनी कप्तानी में कोलकाता को चैंपियन बनाया। आठ साल बाद गंभीर की दिल्ली में वापसी हुई और उन्हें कप्तान भी बनाया गया। लेकिन न तो वह अपने प्रदर्शन से टीम को प्रेरित कर सके और न ही टीम को जीत दिला सके।
गंभीर ने कप्तानी छोड़ने की घोषणा के बाद कहा कि अपने घरेलू कोटला मैदान में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ पिछले मैच में हार के बाद ही मुझे महसूस हो गया था कि कप्तानी छोड़ने का यह सही समय है इसलिए मैंने यह फैसला कर लिया। यह मेरा निजी फैसला है और इसके लिए मुझपर फ्रेंचाइजी की तरफ से कोई दबाव नहीं है।
दिल्ली ने अब तक छह मैचाें में मात्र एक ही जीत दर्ज की है और वह तालिका में आखिरी और आठवें पायदान पर है। दिल्ली के पास कोटला में पंजाब के खिलाफ पिछले मैच में जीतने का शानदार मौका था जब उसने पंजाब टीम को 143 रन पर रोक दिया था। लेकिन दिल्ली की टीम 139 रन ही बना सकी और चार रन से मैच हार गई।
इस मैच की हार ने गंभीर को इस कदर तोड़ा कि उन्होंने कप्तानी छोड़ने का फैसला कर लिया। गंभीर ने कहा कि मैं कप्तानी से हट रहा हूं लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर मैं टीम के लिए उपलब्ध रहूंगा। जहां तक खिलाड़ी के रूप में मेरे भविष्य की बात है तो अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी हाेगी। मुझे कुछ समय चाहिए। फिलहाल हमारा ध्यान दिल्ली को आईपीएल-11 में आगे ले जाने पर लगा हुआ है। मैं और कोच रिकी टीम का भाग्य बदलने की पूरी कोशिश करेंगे।
नए कप्तान बने श्रेयस ने कहा कि मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि मुझे दिल्ली की कप्तानी मिली है। मैं टीम प्रबंधन, कोचों और गौती भाई का शुक्रगुजार हूं। दिल्ली का नेतृत्व करना ही मेरे लिये बड़े सम्मान की बात है। हमारे आठ मैच बाकी हैं। हम कड़ी मेहनत कर सकते हैं और अब भी प्लेऑफ में जा सकते हैं। मेरे दिमाग में किसी भी तरह का कोई नकारात्मक विचार नहीं है और शेष मैचों में हम अपना सर्वश्रेष्ठ करेंगे।
श्रेयस ने कहा कि मुझे चुनौतियां बहुत पसंद है और मैं कप्तान के रूप में खुद को साबित करना चाहूंगा। मुझे दोपहर में ही यह खबर मिली कि मुझे नया कप्तान बनाया जा रहा है। मैंने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा। मैं उम्मीद करता हूं कि मुझे गौती और पोंटिंग जैसे बड़े खिलाड़ियों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
दिल्ली के सीईओ हेमंत दुआ ने गंभीर के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि यह बहुत ही साहसिक फैसला है। भारत में इस तरह के फैसले कभी नहीं लिये जाते। हमें उनके फैसले का सम्मान करना होगा। गौतम ने टीम की बेहतरी के लिये कप्तानी छोड़ी है और उन जैसे साहसिक व्यक्ति ही ऐसा फैसला ले सकते हैं। हमें उम्मीद है कि गंभीर नये कप्तान के लिये मेंटर के लिये काम करेंगे और उन्हें शेष मैचों में अपनी सलाह देते रहेंगे।
दुआ ने कहा कि अभी आठ मैच बाकी हैं और मेरा इस टीम पर पूरा भरोसा है कि यह प्लेऑफ में जा सकती है। लेकिन यदि टीम का प्रदर्शन आगे भी खराब रहता है तो फिर सबसे पहले इस्तीफा देने वाला व्यक्ति मैं ही रहूंगा। दुआ ने साथ ही कहा कि गंभीर अंतिम एकादश का हिस्सा बने रहेंगे और आगे के मैचों में श्रेयस को सहयोग करेंगे।
कोच पोंटिंग ने भी गंभीर के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि अब मेरा और गौती का काम यह सुनिश्चित करना है कि श्रेयस जैसा युवा खिलाड़ी टीम की कप्तानी को बखूबी संभाल सके और हम उसे वह सबकुछ दे सकें जो टीम को सफल बनाने के लिए जरूरी है।
फ्रेंचाइजी की ओर से किसी भी तरह के दबाव के बारे में पूछे जाने पर गंभीर ने कहा कि मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर यह फैसला लिया। पंजाब से मैच हारने के बाद मुझे लग गया था कि अब मुझे यह जिम्मेदारी छोड़ देनी चाहिए। एक कप्तान के तौर पर मैं टीम को वह नेतृत्व नहीं दे पा रहा था जो मुझे देना चाहिये। मैंने टीम बैठक में हार की जिम्मेदारी ली। इस बारे में मैंने अपनी पत्नी से भी बात की थी।
गंभीर ने साथ ही कहा कि कई बार चीजें बदलने की कोशिश में आप बहुत कुछ करना चाहते हैं लेकिन हालात आपके अनुकूल नहीं रहते। मैं शायद दबाव नहीं झेल पा रहा था। मैंने अकेले बैठकर इस फैसले पर विचार किया और मुझे लगा कि किसी दूसरे खिलाड़ी के लिए कप्तानी छोड़नी चाहिये। जब आप अपने लिए लक्ष्य तय करते हैं और उसे हासिल नहीं कर पाते तो आपको उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
पोंटिंग, गंभीर और दुआ ने अब भी टीम की वापसी की उम्मीद जताते हुए कहा कि हमारे आठ मैच बाकी हैं जिनमें से छह घरेलू मैच हैं। अभी सबकुछ खत्म नहीं हुआ है। हमारे लिए अगला घरेलू मैच बहुत ही महत्वपूर्ण होगा और हमें इसे हर हाल में जीतना होगा। यह मैच टीम के टूर्नामेंट में बने रहने की दिशा तय करेगा।