नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ़ को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनाए जाने संबंधी कॉलेजियम की सिफारिश को वापस भेज दिया है। विधि मंत्रालय के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से न्यायाधीश जोसेफ के नाम पर एक बार फिर से विचार करने को कहा है।
सरकार का यह कदम वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा के नाम पर मोहर लगने के एक दिन बाद आया है। कॉलेजियम ने दोनों के नाम की सिफारिश की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने सिर्फ मल्होत्रा के नाम पर मोहर लगाई है, जबकि जस्टिस जोसेफ का नाम वापस भेज दिया है।
विपक्षी दल, कुछ वकील और नेता इसे उत्तराखंड में 2016 में लगे राष्ट्रपति शासन को निरस्त करने के फैसले से जोड़कर देख रहे हैं। गौरतलब है कि न्यायाधीश जोसेफ़ ने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के केन्द्र के आदेश को रद्द कर दिया था।
सूत्रों की मानें तो न्यायाधीश जोसेफ़ के मुद्दे पर सरकार ने सफ़ाई दी है और कहा है कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को निरस्त करने के न्यायाधीश जोसेफ के फैसले से केंद्र के इस कदम का कोई लेना-देना नहीं है।
सरकार ने कहा है कि वरिष्ठता, योग्यता और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व के आधार पर न्यायाधीश जोसेफ के नाम की सिफारिश नहीं की गई थी। सुप्रीमकोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जय सिंह ने इस मामले में ट्वीट करके सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि मैं इंदु मल्होत्रा से अपील करती हूं कि वह अपनी नियुक्ति को स्वीकार न करें।