चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड की साजिश में शामिल और इस मामले में जेल में बंद नलिनी श्रीहरण की समय पूर्व रिहाई की याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
नलिनी ने जेल में 25 साल की सजा भुगतने संबंधी आधार पर समय पूर्व रिहाई के लिए याचिका दायर की थी। न्यायाधीश केके शशिधरण और न्यायाधीश आर सुब्रमणियन की खंड पीठ ने यह कहते हुए नलिनी की याचिका को खारिज कर दिया कि मामला पहले से सुप्रीमकोर्ट के संज्ञान में है इसलिए उच्च न्यायलय इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा।
उच्च न्यायालय के इस फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए नलिनी के वकील के कहा वे इस मामले में उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे। नलिनी इस समय तमिलनाडु की वेल्लोर जेल में बंद हैं।
न्यायाधीश एम सत्यनारायण ने 1994 की राज्य सरकार की अनुच्छेद 161 के अंतर्गत आने वाली योजना (जिसमें राज्यपाल के पास क्षमा करने की शक्तियां हैं।) के आधार पर दायर की गई नलिनी की याचिका को खारिज कर दिया था। योजना के अनुसार आजीवन कारावास की सजा पाए कैदी अगर 20 साल के कारावास की सजा भुगत चुके हैं तो वह समय पूर्व रिहाई के हकदार बन सकते हैं।