सबगुरु न्यूज-आबूरोड। निकटवर्ती मावल गांव की रेल पटरियों पर 14 अप्रेल को एक युवती की सिरकटी अर्धनग्न शव की मिस्ट्री से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। मृतका की सहारनपुर जिले के चिलकाना थाना क्षेत्र के बाठेडा गांव की थी वहीं हत्या के आरोपित युवक भी सहारनपुर के थे।
इस युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के सहारपुर जिले के चिलकाना पुलिस थाने में दर्ज थी। ऐसे में सहारनपुर पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट में अपहरण व हत्या की धाराएं जोडकर आरोपियों को वहीं गिरफ्तार कर लिया है।
आबूरोड पुलिस को मावल गांव के निकट रेलवे की पटरियों पर 14 अप्रेल को एक युवती का शव मिला। यह शव अर्धनग्न था। सिर और धड अलग-अलग पडे थे। मृतका की पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे की चमडी तक को छील दिया गया था। शव मिलते ही पुलिस ने इस प्रकरण को हत्या का प्रकरण मानते हुए जांच शुरू कर दी। ब्लाइंड मर्डर की जांच के लिए पुलिस दल गठित किए गए।
पुलिस ने अपनी जांच में इस लडकी की पहचान सहारनपुर जिले की निवासी अरीना के रूप में की। जांच आगे बढी तो पता चला कि उसकी हत्या उसी लडकी के गांव में रहने वाले नदीम ने की थी। इसमें उसका साथ उसके दोस्त आजम और उसकी पत्नी नाजीश ने दिया था। सिरोही पुलिस ने सहारनपुर पुलिस की मदद से इन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
मृतका की गुमशुदगी की रिपोर्ट सहारनपुर में पहले ही दर्ज थी। सिरोही पुलिस द्वारा उसके हत्या की गुत्थी सुलझने के बाद सहारनपुर पुलिस ने गुमशुदगी में बरामदगी दिखाते हुए, उस मामले हत्या और अपहरण की धाराएं और जोड दी। तीनों आरोपियों को वहीं गिरफ्तार कर लिया। मृतका नदीम से प्यार करती थी। उसके साथ आबूरोड के मावल में आई एक दिन किसी बात पर नदीम के मन में उसके प्रति नफरत जाग गई और उसने उसकी हत्या कर दी।
एक दिन भी साथ नहीं रहे और कर दी हत्या
उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाला नदीम सिरोही जिले के आबूरोड में इलैक्ट्रोनिक उपकरणों से संबंधित कार्य करता था। यहां रहते हुए उसका सहारनपुर अपने घर आन-जाना होता था। इसी दौरान उसके घर के करीब रहने वाली अरीना का मोबाइल चार्जर खराब हो गया। अरीना ने नदीम से उसका मोबाइल चार्ज करने में मदद मांगी। इसी तरह संपर्क होने के बाद दोनों बातें होने लगी। दोनों को एक दूसरे से प्रेम हो गया।
काम के सिलसिले में नदीम आबूरोड रहता था। कुछ ही दिनों में यह प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि दोनों ने घर से भागने का मानस बना लिया। ऐसे में नदीम ने आबूरोड रहते हुए अरीना को सहारनपुर से आबूरोड लाने का मन बना लिया।
7 अप्रैल को नदीम अपने कार्य का बहाना बनाकर आबूरोड से जोधपुर और जोधपुर से 8 अप्रैल को सहारनपुर के लिए रवाना हो गया। इस दौरान उसने अरीना को भगाने के लिए अपने मित्र आजम तथा उसकी पत्नी नाजीश की भी मदद मांगी।
नदीम जब सहारनपुर पहुंचा आजम व नाजीश ने पहले एक थियेटर में पिक्चर देखी। इसके बाद तीनों ने अरीना को थियेटर के नजदीक बुलाया। नदीम ने दूसरों के शक से बचने के लिए चालकी दिखाते हुए अरीना को अपने मित्र आजम और उसकी पत्नी नाजीश के साथ आबूरोड के लिए रवाना कर दिया।
इसके बाद खुद अलग से दूसरी गाडी से जोधपुर होते हुए 12 अप्रेल को आबूरोड पहुंचा। आबूरोड में मुख्य आरोपित नदीम और अरीना एक दिन एक दूसरे के साथ रहे। 14 अप्रैल की रात में अरीना के पुराने प्रेमी की बातों को लेकर दोनों में आपस में झगडा हो गया। यह झगड़ा इस कदर आगे बढा किया नदीम ने अपना आपा खो दिया।
गुस्से में आकर अरीना की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद नदीम ने अरीना के शव को ठिकाने की योजना बनाई तथा इसमें भी उसने अपने मित्र आजम और उसकी पत्नी नाजीश की मदद ली। तीनों ने मिलकर अरीना के शव को मोटरसाईकिल पर बिठाया तथा मावल गांव के समीप पटरियों पर ले गए।
इन लोगों ने सबूत मिटाने तथा हत्या को आत्महत्या जताने के लिए अरीना के चेहरे की चमडी उतार दी। उसकी गर्दन को धड़ से अलग कर दिया। अरीना के शव से कपड़े उतारकर भी उन्होंने जला दिया। शव के धड को पटरियों पर इस तरह रखा कि लगे कि इसने आत्महत्या की है। इस वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों ही फिर से सहारनपुर निकल पडे।
14 अप्रैल की रात्रि में ही पुलिस को सूचना मिली कि मावल गांव के समीप एक युवती की अर्धनग्न अवस्था में शव पड़ा हुआ है। जानकारी मिलते ही आबूरोड सदर पुलिस मौके पर पहुंची तथा मामले की जांच पड़ताल शुरू की। यह केस पुलिस के लिए बडी चुनौती बना हुआ था। इसे हल करने के लिए एक दल बनाया गया।
पुलिस ने अपनी जांच पड़ताल में अपने मुखबीरों से जानकारी जुटाई तो पता चला कि सहारनपुर के रहने वाले तीन लोग पिछले कुछ दिनों से आबूरोड से गायब है। पुलिस ने इस पहलू पर काम करते हुए इन तीनों के बारे में जानकारी जुटाई। इनके आबूरोड स्थित घर की तलाशी ली।
तलाशी में पुलिस को हत्या से संबंधित अहम सुराग हाथ लगे। पुलिस ने अपनी तफ्तीश को जारी रखते हुए सहारनपुर में जाकर चिलकाना थाना की पुलिस से मदद मांगी। वहां आबूरोड सदर पुलिस और चिलकाना पुलिस ने मिलकर आरोपियों की तलाश शुरू की। सहारनपुर जिले के वाठेड़ा गांव में तीनों आरोपित पुलिस के हत्थे चढ गए।
पुलिस ने इन तीनों से आरोपियों से जब पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। चिलकाना थाने में पहले ही अरीना की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज थी। पुलिस ने शव की बरामदगी दिखाते हुए गुमशुदगी के प्रकरण में अपहरण व हत्या की धाराएं जोडते हुए तीनों को गिरफ्तार कर लिया और जांच शुरू कर दी।
मासिक स्राव के कपडे से सुलझा पूरा मामला
रीना को हत्या करके अर्धनग्न अवस्था में पटरी पर फेंक दिया था। उसके उपरी वस्त्र उतारकर जला दिए थे। हत्या के दौरान संभवतः युवती मासिक स्राव से पीडित थी। इसके लिए सेनेटरी नेपकिन की जगह कपडे का इस्तेमाल किया था। पुराने पुलिस कार्मिक ने उच्चाधिकारियों को इस कपडे को ही क्लू के रूप में रखने और नष्ट नहीं करने का मशविरा दिया।
उसकी दलील थी कि जांच के दौरान इस कपडे का अंश जहां मिलेगा हत्या व हत्या करने वाले का उस जगह से संबंध स्थापित करने में मदद मिल जाएगी। अनुभव काम आया। पुलिस को जब नदीम आदि के घर का पता चला तो वहां पर उसी कपडे का अंश बरामद हो गया। इसके आधार पर पुलिस को पक्का यकीन हो गया कि मृतका, हत्या और हत्यारों को इस कमरे से जुडाव है। फिर पुलिस को इस गुत्थी को सुलझाने में समय नहीं लगा।