अजमेर। बिना किसी जाति भेद के जब एक साथ घोडी चढे 34 दूल्हों की बारात निकली तो उन्हें देखने के लिए आमजन का हुजूम उमड पडा। करीब आधा किलोमीटर लंबी इस बारात में गीत गाती मातृशक्ति और नाचते गाते लोग। स्वागत सत्कार लोग ऐसे जुटे मानों अपने घर में शादी हो रही हो। यह नजारा था रविवार को आयोजित सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का।
सेवा भारती समिति अजमेर के तत्वावधान में श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह समिति की ओर से पटेल मैदान अजमेर में सर्वजातीय सामूहिक विवाह आयोजित किया गया। पाणिग्रहण संस्कार की समस्त रस्में पटेल मैदान में अस्थाईरूप से बनाई गई जनकपुरी में संपन्न कराई गई।
विवाह समिति के संयोजक रामचरण बंसल ने बताया कि सुबह 8 बजे सामूहिक गणेश पूजन के बाद 34 दूल्हों की बारात अग्रवाल पाठशाला से पटेल मैदान के लिए रवाना हुई। अग्रसेन चौराहा, सूचना केन्द्र होती बारात जिला परिषद के सामने से पटेल मैदान पहुंची। तोरण मारने के बाद बारात ने जनकपुरी में प्रवेश किया। इस मौके पर सर्वसमाज ने पुष्पवर्षा कर बारात का जोरदार स्वागत किया।
आकर्षक तरीके से सजाए गए मंच पर वर और वधु के जोडों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई। इस आनंददायक क्षण पर संतों को आशीर्वाद मिला। पुष्कर से पधारे पाठकजी महाराज ने सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की। पाणिग्रहण संस्कार के बाद अपराहन तीन बजे विदाई की रस्म हुई। वर-वधु को रोजाना कार्य में आने वाले वस्तुओं के सेट भेंट किए गए। सभी जाति वर्ग के बंधुओं और माता बहनों ने सामूहिक प्रीति भोज रखा गया था।
इस अवसर पर सेवा भारती के क्षेत्रीय सेवा प्रमुख शिवलहरी, संगठन मंत्री मूलचंद सोनी, प्रदेश अध्यक्ष कैलाश शर्मा, मोहनलाल खंडेलवाल, समिति के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ताओं समेत बडी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे।
बंसल ने बताया कि राजस्थान में सामाजिक समरसता को प्रगाढ करने के लिए अब तक 1454 से भी ज्यादा सामूहिक विवाह आयोजित किए जा चुके हैं। इसी कड़ी में अजमेर में पहली बार 34 जोड़ों का विवाह का प्रयास सफल रहा है। समाजसेवा के इस कार्य में सर्वजातीय बंधुओं तथा समाजसेवियों ने दिल खोलकर सहयोग किया और कार्यकर्ताओं ने भरपूर मेहनत तथा मनोयोग से जुडकर पुनीत कार्य संपन्न कराया।