जयपुर। राजस्थान के भरतपुर अलवर धौलपुर और झुंझुनूं में तेज अंधड़ के कारण कल 15 लोगों की मौत तथा 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने के बाद गुरुवार को राहत कार्य शुरू कर दिए।
राज्य सरकार के पास मृतकों के पुख्ता आकड़ें नही है। आपदा राहत मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने आज उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें जनधन के नुकसान का आंकलन करने के साथ राहत कार्यो को शुरू कराने और प्रभावितों को मुआवजा देने पर विचार होगा। प्रभावित क्षेत्रों में जयपुर से भी बड़े अधिकारियों को भेजने पर विचार किया जा रहा है।
तेज अंधंड़ के कारण काफी संख्या में पेड़ तथा कच्चे पक्के मकान गिरने से प्रभावित हुये लोग राहत का इंतजार कर रहे है। अस्पताल में घायलों के पहुंचने का सिलसिला भी जारी है। कई मकानों एवं दुकानों के टीन तथा साईन बोर्ड दूर तक जा गिरे। जगह जगह गिरे पेड़ रास्ते में बाधक बने हुए है। बिजली की व्यवस्था भी सुचारू नहीं हो पा रही है।
अलवर संवाददाता के अनुसार जिले में पेड़, होर्डिंग आदि को हटाकर रास्ता साफ करने की कार्रवाई युद्ध स्तर पर चल रही है। जगह-जगह पेड़ों से टूटे बिजली के तारों को भी हटाया जा रहा है और आज शाम तक अलवर शहर में बिजली आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
चक्रवाती तूफान में पेड़ गिरने से घायल हुए लोगों को राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय में रात को भर्ती कराया गया जिनमें से 40 घायलों का प्राथमिक उपचार करने के बाद छुट्टी दे दी गई तथा अन्य घायलों का इलाज चल रहा है। घायलों की कुशल क्षेम पूछने के लिए राजनेताओं ने भी अपने दौरे शुरू कर दिए हैं। चक्रवाती तूफान में अब तक अलवर जिले में 3 लोगों के मरने की सूचना है।
सबसे ज्यादा नुकसान पेड़ और होर्डिंग के कारण हुआ है। बिजली गुल होने से अलवर शहर की पेयजल आपूर्ति पूरी तरह गड़बड़ा गई है पानी की आपूर्ति दुरुस्त होने में ही कम से कम अभी 2 दिन लग जाएंगे सबसे ज्यादा नुकसान बिजली विभाग को बिजली के तार और खंभे टूटने से हुआ है अलवर शहर में ही 100 से अधिक स्थानों पर बिजली के तार टूटे हुए हैं।
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