नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के मानहानि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि इस संबंध में कोई बयान देने अथवा माफी मांगने से पहले वह यह जानना चाहते हैं कि क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले झूठ बोला था।
न्यायाधीश राजीव सहाय एंडलॉ की अदालत में गुरुवार को पेश हुए विश्वास ने न्यायालय में कहा कि जेटली के खिलाफ उन्होंने जो बयान दिया था, वह पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर केजरीवाल से मिली जानकारी के आधार पर था।
उन्होंने कहा कि वह न्यायालय में कोई बयान देने अथवा जेटली से क्षमा मांगने से पहले यह जान लेना चाहते हैं कि क्या केजरीवाल ने पहले इस संबंध में झूठ बोला था। इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 मई को होगी।
गौरतलब है कि केजरीवाल ने जेटली पर दिल्ली क्रिकेट एवं जिला संघ का अध्यक्ष रहने के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। इस पर जेटली ने केजरीवाल और ‘आप’ के पांच नेताओं पर दिसंबर 2015 में 10 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया था। इस मामले में विश्वास को छोड़कर केजरीवाल और अन्य आप नेताओं ने माफी मांग ली थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गत तीन अप्रेल को केजरीवाल, आप नेता आशुतोष, संजय सिंह, दीपक वाजपेयी और राघव चड्ढा की संयुक्त माफी याचिका को स्वीकार कर लिया था और जेटली ने न्यायालय से बाद में मानहानि मामले को वापस लेने की अनुमति मांगी थी। विश्वास ने माफी नहीं मांगी थी, इसलिए उन पर मानहानि का मामला अब भी चल रहा है।
जेटली की तरफ से न्यायालय में पेश अधिवक्ता माणिक डोगरा विश्वास की इस दलील से सहमत नहीं थे कि आप नेता ने पार्टी के अन्य नेताओं का अनुसरण करते हुए आरोप लगाए थे। जेटली के वकील ने कहा कि विश्वास ने पहले भी आरोप लगाते समय दस्तावेज देखने का दावा किया था। उन्होंने कहा कि विश्वास को भी केजरीवाल और अन्य आप नेताओं की तरह बिना शर्त क्षमा मांगनी चाहिए।
डोगरा की दलील पर विश्वास ने कहा कि इस मामले के निपटारे के लिए वह क्या बयान दें, इस पर निर्णय करने के लिए उन्हें और समय चाहिए, जिसके बाद न्यायाधीश ने अगली सुनवाई के लिए 28 मई की तारीख मुकर्रर की है।