हैदराबाद। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में यूनाईटेड फाेरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) और इंडियन बैंकस एसोसिएशन (आईबीए) के बीच वेतनमान संशोधन को लेकर आयोजित वार्ता विफल होने पर फोरम ने निर्णय लिया के मई के अंत में देश के लगभग 10 लाख से बैंक कर्मी दो दिन हड़ताल करेंगे।
यूएफबीयू जिसमें सभी नौ बैंक यूनियन एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू, एनओबीओ शामिल हैं। इसने वार्ता में हिस्सा लिया। इस हड़ताल का आह्वान बैंक कर्मचारियों के लिए वेतन में कम वृद्धि के कम प्रस्ताव के खिलाफ किया जाएगा।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी वेंकटचलम ने बताया कि बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतन संशोधन एक नवंबर, 2017 से बकाया है। वित्त मंत्रालय ने बैंक प्रबंधनों और आईबीए को इस विषय पर चर्चा पूरी करके एक नवंबर 2017 से संशोधित वेतन जारी की सलाह दी थी।
इस पर आईबीए और बैंक यूनियनों की मई 2017 में शुरू हुई चर्चा कई दौर तक चली लेकिन आईबीए वेतन संशोधन के किसी प्रस्ताव लिए आगे नहीं बढ़ी। अंतत: 15 मार्च 2018 को यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया था। इस पर आईबीए ने वार्ता को फिर से शुरू करने की पेशकश की और इसलिए हड़ताल स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद शनिवार को मुंबई में आईबीए और बैंक यूनियनों के बीच चर्चा का एक और दौर चला।
वेंकटचलम ने कहा चर्चा के दौरान आईबीए ने 31 मार्च 2017 के अनुसार बैंकों को कुल वेज बिल में दो प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की। एक नवंबर 2012 से प्रभावी दसवें द्विपक्षीय वेतनमान निपटान के तहत, आईबीए कुल वेज बिल पर 15 प्रतिशत की वृद्धि के लिए सहमत हो गया था। आईबीए के दो प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव बहुत ही कम था इस आधार पर आगे की वार्ता का कोई अर्थ नहीं था। इसलिए बैंक यूनियनों ने इस प्रस्ताव एकमत से इस प्रस्ताव को नामूंजर कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि सरकार आईबीए से एक नवंबर 2017 से पहले वेतन संशोधन समझौते करने को कह रही है, लेकिन आईबीए इसमें देरी कर रही है। आईबीए द्वारा दिया गए मामूली वृद्धि के प्रस्ताव से पता चलता है कि वह गंभीर नहीं है और किसी भी सार्थक वार्ता के जरिए वेतनमान निपटान जल्दी समाप्ति का उसका कोई इरादा नहीं है। इस के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के लिए वित्त मंत्रालय के समक्ष रखा जाए।
वेंकटचलम ने कहा यूनियनों के आह्वान पर नौ मई को देशभर के सभी बैंक कर्मचारियों द्वारा जबरदस्त धरना आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि वित्त मंत्रालय हस्तक्षेप करके आईबीए को बेहतर प्रस्ताव देने में विफल रहता है, तो बैंक कर्मचारियों ने इस महीने के अंत में लगातार 48 घंटे यानी दो दिन की हड़ताल करेंगे।