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अजय माकन का आरोप, पैसे के लिए केजरीवाल ने दिल्ली की सुरक्षा चीन को तोहफे में दी
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अजय माकन का आरोप, पैसे के लिए केजरीवाल ने दिल्ली की सुरक्षा चीन को तोहफे में दी

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अजय माकन का आरोप, पैसे के लिए केजरीवाल ने दिल्ली की सुरक्षा चीन को तोहफे में दी
Big controversy! Arvind Kejriwal put national security at stake, allowed made in China CCTV cameras
Big controversy! Arvind Kejriwal put national security at stake, allowed made in China CCTV cameras

नई दिल्ली। कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल सरकार की सीसीटीवी परियोजना के जरिए दिल्ली की सुरक्षा पैसे के लिए चीन को तोहफे में देने का आरोप लगाते हुए तुरंत उनके इस्तीफे की मांग की है।

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने सभी नियम कानूनों को ताक पर रखकर राजधानी में डेढ़ लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम चीन की सरकारी कंपनी को दिया है। सरकार के इस कदम से पूरी दिल्ली के एक एक चप्पे की जानकारी चीन आसानी से कर सकेगा जो देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।

माकन ने प्रेस क्लब में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केजरीवाल सरकार ने सार्वजनिक उपक्रम भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड(बेल) को ढाल बनाकर 571.40 करोड़ रुपए की सीसीटीवी परियोजना का काम चीन की कंपनी हिकविजन को दिया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को दूर करने के नाम पर सत्ता में आई केजरीवाल सरकार ने पैसे के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से भी समझौता करने में कोई गुरेज नहीं किया।

उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल रविवार तक इस्तीफा नहीं देते तो दिल्ली कांग्रेस उनके सरकारी आवास का घेराव और सीसीटीवी घोटाले को लेकर आंदोलन शुरू करेगी। माकन ने कहा है कि बड़े आश्चर्य की बात है की रक्षा मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम बेल ने चीन की कंपनी को कैसे अपनी वेंडर सूची में शामिल कर लिया।

पूरे मामले को केन्द्रीय सतर्कता आयोग, केन्द्रीय जांच ब्यूरो और न्यायालय में ले जाने की घोषणा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने चुनौती दी कि कांग्रेस के आरोपों में दम नहीं है तो केजरीवाल उन पर मानहानि का मुकदमा करें जिसका सामना करने के लिए वह तैयार हैं।

संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस महासचिव और पार्टी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री अशोक कुमार वालिया, अरविंदर सिंह लवली, हारुन युसूफ, राजकुमार चौहान, कांग्रेस सचिव कुलदीप नागरा और दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी और अन्य नेता मौजूद थे।

माकन ने इंटरनेट से निकाले दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि चीन की कंपनी को सीसीटीवी परियोजना का काम देने के लिए सभी नियम-कानून ताक पर रखे गए। चीनी कंपनी को ठेके देने के लिए दो बार टेंडर किए गए।

उन्होंने कहा कि पहली बार निविदा एक नवंबर 2017 को की गई जो 2017..18 की तीसरी तिमाही थी। इस अवधि में बेल की वेंडर सूची में चीनी कंपनी हिकविजन शामिल नहीं थी। इसके बाद वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जब चीनी कंपनी बेल की वेंडर सूची में शामिल कर ली गई तो फिर टेंडर किया गया और सीसीटीवी की निविदा सार्वजनिक उपक्रम के पक्ष में गई।

प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि छह अप्रैल को लोक निर्माण की बैठक में मुख्यमंत्री, विभाग के मंत्री सत्येन्द्र जैन और बेल तथा चीनी कंपनियों के नुमाइंदे भी मौजूद थे। चीनी कंपनी के नुमाइंदों को इस बैठक में सभी नियमों को ताक पर रखकर आने दिया गया।

उन्होंने कहा कि सीसीटीवी लगाने की मूल परियोजना केवल 130 करोड़ रुपए की थी जबकि इसे बाद में बढ़ाकर 571.40 करोड रुपए किया गया। इसमें 320.96 करोड़ रुपए सीसीटीवी बुनियादी सुविधा के लिए और 250.44 करोड़ रुपए पांच साल के लिए रखरखाव की मद थे।

उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस परियोजना के लिए सवाल खड़े करते हुए इस पर और विस्तार से चर्चा की बात कही थी। अब जब घोटाला सामने आ गया है तो उपराज्यपाल पर इस परियोजना में अड़ंगा डालने का आरोप लगा रहे हैं।

माकन ने सवाल किया कि कहीं इस पूरे मामले में केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय की संलिप्तता तो नहीं है। इसकी भी जांच की जानी चाहिए।

डॉ वालिया ने आरोप लगाया कि देश की राजधानी जहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, तीनों सेनाध्यक्ष और सरकार की सारी गतिविधियां होती हैं, पैसे के लिए केजरीवाल सरकार एक चिप में डालकर चीन को पूरी सुरक्षा की जानकारी मुहैया कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ इससे बड़ा घोटाला और क्या हो सकता है।