अजमेर। चिलचिलाती धूप में नौकरी का फार्म हाथों में थामकर विंडो पर अपना नंबर आने के इंतजार में खडे बेरोजगार युवक और युवतियां। अवकाश के दिन शनिवार और रविवार को भी ये नजारा था अजमेर नगर निगम कार्यालय का।
सफाई कर्मचारियों को लेकर निकली भर्ती के बाद से निगम में आवोदकों का तांता लगा हुआ है। पांच साल पहले निकली भर्ती निरस्त हो जाने के बाद इस बार बेरोजगारों को नौकरी मिलने की आस बंधी है। हाल ही में राज्य सरकार ने प्रदेश के निगम, परिषद में सफाई कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए बडी संख्या में भर्ती खोली है। अजमेर में भी करीब 1100 सफाईकर्मियों की नियुक्ती की जाएगी।
भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही खासकर हरिजन समाज के बेरोजगार युवक युवतियों तथा बरसों से ठेकेदारी प्रथा के तहत काम कर रहे श्रमिकों को पक्की नौकरी मिलने की संभावना बनी है। साल 2012 में भर्ती निरस्त हो जाने के बाद निर्धारित उम्र के कारण अपात्र हो जाने वाले आवेदकों को भी इस भर्ती में राहत दी गई है।
शपथ पत्रों के स्टांप पेपर को लेकर असमंजस
नौकरी आवेदन के साथ दी गई शर्तों में अनुभव प्रमाण पत्र की सत्यता के समर्थन में एक मात्र शपथ पत्र मांगा गया है, लेकिन हर फार्म में तीन तीन शपथ पत्र नजर आते हैं। बताया जा रहा है कि शपथ पत्र विक्रेताओं ने निगम के भर्ती से जुडे कार्मियों से मिलीभगत कर ऐसी अफवाह फैला रखी है कि आवेदन फार्म के साथ तीन शपथ पत्र अनुभव सत्यता शपथ पत्र, एक ही स्थान पर आवेदन की घोषणा संबंधी शपथ पत्र और विवाहित अविवाहित तथा संतान संबंधी शपथ पत्र। इन शपथ पत्रों के खेल में बेरोजगारों की अंटी से वसूली जा रही रकम से लाखों के वारे न्यारे हो रहे हैं। 50 रुपए के शपथ पत्रों की कालाबाजारी के हालात बने हुए है। कलक्ट्री, कोर्ट में स्टांप वेडर्स मनमर्जी से वसूली में जुटे हैं।
आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि 15 मई
सफाई कर्मचारियों की भर्ती आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 15 मई निर्धारित है। आवेदन जमा करने के लिए निगम कार्यालय में अवकाश के दिन शनिवार और रविवार को भी फार्म जमा किए जा रहे है। सोमवार को आवेदन जमा कराने का अंतिम दिन होने तथा आवेदन पत्र को भरने में समय अधिक लगने से बेरोजगारों में आपाधापी मची हुई है। जल्दबाजी में आवेदन पत्र पूर्ण करने के दौरान उसमें कोई खामी रह जाने के डर से बेरोजगार चिंतित हैं। ठेकेदारों के अधीन काम करने के बावजूद समय पर अनुभव प्रमाण पत्र न मिलने से भी कई बेरोजगार यहां वहां भटकते नजर आते हैं। अनुभव प्रमाण पत्र भी कालाबाजारी करने वालों के लिए ‘सोने का अंडा’ देने वाली मुर्गी साबित हो रहा है।