नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने शक्ति परीक्षण को कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट का न्यायसंगत हल बताते हुए इसके लिए शनिवार अपराह्न चार बजे का समय तय किया है।
न्यायाधीश एके सिकरी, न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायाधीश अशोक भूषण की पीठ ने कांग्रेस विधायक जी परमेश्वर और जद एस विधायक एचडी कुमारस्वामी की याचिका पर शुक्रवार को अंतरिम आदेश सुनाते हुए कहा कि विधानसभा में शनिवार अपराह्न चार बजे शक्ति परीक्षण होगा। न्यायालय ने गुप्त मतदान की केंद्र सरकार की मांग भी खारिज कर दी।
न्यायालय ने कहा कि सबसे पहले विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टेम स्पीकर) नियुक्त किया जाएगा। चार बजे से पहले सभी विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी और चार बजे शक्ति परीक्षण होगा। विश्वास मत की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी नहीं कराई जाएगी।
शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस दौरान बीएस येदियुरप्पा सरकार न तो कोई नीतिगत फैसला लेगी और न ही एंग्लो-इंडियन व्यक्ति को विधानसभा में सदस्य मनोनीत करेगी। न्यायालय ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को सभी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
शीर्ष अदालत 10 सप्ताह बाद इस याचिका में उठाए गए उन संवैधानिक बिंदुओं पर सुनवाई करेगी कि बहुमत के लिए जरूरी संख्या बल न होने के बावजूद एकल बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है, या उस गठबंधन को जिसके पास बहुमत के लिए जरूरी विधायक हो।
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि सदन में शक्ति परीक्षण ही इस बात का सबसे न्यायसंगत हल होगा कि किसके पास जरूरी संख्या बल है। न्यायालय ने हालांकि शक्ति परीक्षण के लिए कम से कम सोमवार-मंगलवार तक का समय देने का एटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का अनुरोध ठुकरा दिया।
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