श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में 12 साल से कम उम्र की बालिका के साथ बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के दाेषियाें काे अब मृत्युदंड दिया जाएगा।
राज्य में 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार के जुर्म में 20 साल के सश्रम कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है जिसे बढ़ाकर अाजीवन कारावास किया जा सकता है।
एक अाधिकारिक प्रवक्ता ने यहां बताया कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वाेहरा ने जम्मू एवं कश्मीर आपराधिक कानून (संशाेधन) अध्यादेश, 2018 तथा जम्मू-कश्मीर बाल यौन हिंसा संरक्षण अध्यादेश, 2018 लागू कर दिया है।
प्रवक्ता ने बताया कि सामान्य रूप से महिलाअाें के विरुद्ध हिंसा अाैर शारीरिक शाेषण की घटनाएं बढ़ने अाैर विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर राज्य सहित देश के विभिन्न हिस्साें में महिलाअाें के विरुद्ध लैंगिक हिंसा में जबरदस्त वृद्धि के मद्देनजर अापराधिक कानूनाें में कई संशाेधनाें की जरूरत महसूस की गई।
प्रवक्ता ने कहा कि अापराधिक कानूनाें (रणबीर दंड संहिता, संवाद, 1989, अापराधिक प्रक्रिया संहिता, संवाद, 1989 अाैर साक्ष्य कानून, संवाद, 1977) में जरूरी संशाेधन की जरूरत महसूस की गयी तथा केंद्रीय अापराधिक कानून, 2018 में संशाेधनाें में एकरूपता पर जाेर दिया गया है।
उन्हाेंने बताया कि अध्यादेश के अंतर्गत 16 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार की स्थिति में 20 साल तक सश्रम कारावास के दंड का प्रावधान है। इसे अाजीवन कारावास में भी बदला जा सकता है जिसका मतलब है कि दोषी काे जीवन पर्यंत कारावास में गुजारना होगा।
उन्हाेंने कहा कि 12 साल से कम उम्र की किसी बालिका के साथ बलात्कार की स्थिति में मृत्युदंड दिया जा सकता है। इस तरह के मामलाें में जांच काे दाे महीने के भीतर पूरा किया जाएगा।
सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि छह महीने के भीतर मुकदमे की सुनवाई पूरी करनी अनिवार्य है। इसमें किसी देरी के कारणाें की जानकारी उच्च न्यायालय काे देनी हाेगी। यह भी कहा गया है कि सरकारी वकील की दलीलें सुने बगैर जमानत नहीं दी जाएगी।