नई दिल्ली। सशस्त्र सेनाओं की रक्षा जरूरतों को समय पर पूरा करने की दिशा में बडा कदम उठाते हुए सरकार ने कई उपायों की घोषणा की जिससे कि रक्षा उत्पादों की खरीद में बेवजह की देरी न हो।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यहां हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में इन उपायों पर चर्चा के बाद इन्हें मंजूरी दी गई और अब इन्हें रक्षा खरीद संबंधी नियमावली रक्षा खरीद प्रक्रिया-2016 में शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार सरकार ने रक्षा खरीद प्रक्रिया को सरल तथा सुगम बनाने और प्रक्रियागत देरी को समाप्त करने के निरंतर प्रयासों के तहत यह कदम उठाया है जिससे कि सशस्त्र सेनाओं को समय पर उपकरणों और हथियारों की आपूर्ति की जा सके।
इन उपायों के तहत रक्षा मंत्रालय और सेवा मुख्यालयों में अधिकारों का हस्तांतरण, खरीद प्रक्रिया को विभिन्न चरणों में अलग अलग मंजूरी के बजाय एक साथ पूरा करना, एक ही प्रक्रिया को दोबारा न करना, विभिन्न दस्तावेजों को सुसंगत ढंग से रखने और वित्तीय दिशा निर्देशों में संशोधन आदि शामिल है। इन उपायों से बेवजह की देरी को दूर किया जा सकेगा और खरीद प्रक्रिया तेजी से पूरी हो सकेगी।
उल्लेखनीय है कि रक्षा खरीद सौदों की प्रक्रिया के काफी जटिल तथा लंबी होने के कारण सशस्त्र सेनाओं को अपनी जरूरतों के लिए वर्षों तक इंतजार करना पड़ता है जिससे उनकी तैयारियों पर असर पड़ता है।