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कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री और परमेश्वर ने ली उपमुख्यमंत्री पद की शपथ
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कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री और परमेश्वर ने ली उपमुख्यमंत्री पद की शपथ

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कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री और परमेश्वर ने ली उपमुख्यमंत्री पद की शपथ
hd Kumaraswamy sworn in as CM and and G Parameshwara to be deputy CM
hd Kumaraswamy sworn in as CM and and G Parameshwara to be deputy CM

बेंगलूरु। एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री और डॉ. जी परमेश्वर ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, राज्यपाल वजूभाई वाला ने विधान सौध प्रांगण में आयोजित समारोह में हजारों समर्थकों के बीच दोनों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

विधानसभा के हाल ही में संपन्न चुनावों में जनता दल (एस) को 38 सीटें मिली थी और कांग्रेस ने उसे समर्थन देने की घोषणा की थी। कुमारस्वामी पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पुत्र एवं जनता दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वहीं परमेश्वर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। कुमारस्वामी ने राज्य के 25वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। उन्होंने आज दूसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की बागडोर संभाली है।

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मंच पर भाजपा विरोधी दलों की एकजुटता दिखाई दी। समारोह में पहुंची संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन अध्यक्ष सोनिया गांधी और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती मंच पर एक-दूसरे से गले मिलीं अौर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ खड़े होकर वहां उपस्थित लोगों का अभिवादन किया।

इस अवसर पर केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई दलों के नेता मौजूद थे।

शपथ ग्रहण समारोह से पहले लगभग 45 मिनट तक मूसलाधार बारिश हाेती रही और मंच तक पानी में पूरा डूब गया। इसके बावजूद समर्थकों का उत्साह ठंडा नहीं हुआ और वह समारोह स्थल पर डटे रहें। कुमारस्वामी ने बारिश को सरकार के लिए शुभ शगुन बताया।

कुमारस्वामी के मंत्रालय में कुल 33 सदस्य होंगे जिनमें जद (एस) के 12 और कांग्रेस के 21 सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री के 25 मई को विधानसभा में बहुमत साबित करने के बाद जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार किए जाने की संभावना है।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा के इस्तीफे के बाद कुमारस्वामी को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया था। येद्दियुरप्पा ने शपथ ग्रहण के महज तीन दिन बाद विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वजूभाई वाला ने चुनाव में 104 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई भाजपा को पहले सरकार बनाने का आमंत्रण दिया था लेकिन भाजपा बहुमत साबित नहीं कर सकी।

राज्यपाल ने येद्दियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया था लेकिन कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन ने उनके इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे दी जिसके बाद न्यायालय ने उन्हें सिर्फ 24 घंटे का समय दिया।

येद्दियुरप्पा ने हालांकि अगले दिन विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करने से पहले ही इपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। इसके बाद कांग्रेस और जनता दल (एस) के चुनाव बाद हुए गठबंधन को सरकार बनाने का मौका दिया गया। गठबंधन के पास कुल 117 सीटें थीं।

मंच पर दिखी विपक्षी एकजुटता की झलक

समारोह में भाजपा विरोधी दलों का जमावड़ा रहा। मंच पर कई ऐसे दलों के नेता भी साथ नजर आये जो लंबे समय से एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं। इनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों समाजवादी पार्टी(सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) सुप्रीमो मायावती को लेकर भी काफी चर्चा रही। सपा और बसपा उत्तर प्रदेश में हुए दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव में साथ आ चुके हैं। दोनों नेता संभवत पहली बार एक साथ एक मंच पर नजर आए।

समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख अजित सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, जनता दल (यू) से अलग हुए शरद यादव और अभिनेता से नेता बने कमल हासन मौजूद थे। सोनिया गांधी और मायावती एक-दूसरे से बहुत गर्मजोशी से मिलीं।

वहीं भाजपा ने कांग्रेस और जद (एस) पर अनैतिक गठबंधन बनाने का आरोप लगाते हुए आज ‘काला दिवस’ मनाया। इस गठबंधन ने राज्य में दूसरी बार सरकार बनाई है। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद कुमारस्वामी और डा. परमेश्वर ने कैबिनेट की रस्मी बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में कोई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लिया गया।

आसान नहीं रहा कुमारस्वामी का राजनीतिक सफर

एक कुशल राजनेता होने के बावजूद कुमारन्ना के नाम से मशहूर कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का राजनीतिक सफर बहुत अासान नहीं रहा और उन्होंने लगातार जीत-हार के झंझावातों के बीच अपनी राह बनाकर दूसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की बागडोर संभाली है।

कुमारस्वामी के व्यक्तित्व के कई रोचक पहलू हैं, वह एक अनुभवी नेता ही नहीं बल्कि एक कृषि विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, फिल्म निर्माता और कन्नड़ फिल्मों के वितरक भी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पुत्र एवं जनता दल(एस) के प्रदेश अध्यक्ष कुमारस्वामी का जन्म 16 दिसम्बर 1959 को हासन जिले के होलेनरसिपुरा तालुक अंतर्गत हरदनहल्ली गांव में हुआ था।

उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा हासन में एक सरकारी स्कूल से शुरू की थी और जयनगर में बंगलाेर(अब बेंगलुरु) एमईएस एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से हायर सेकेंडरी की शिक्षा पूरी की। कुमारस्वामी का 13 मार्च 1986 को अनिता के साथ विवाह हुआ और उनसे एक पुत्र निखिल गौड़ा हैं। बाद में 2006 में उन्होंने कन्नड़ फिल्मों की अभिनेत्री राधिका से शादी की जिससे उनकी एक पुत्री शमिका हुई।

कुमारस्वामी ने 1996 में सक्रिय राजनीति पदार्पण किया और इसी साल हुए आम चुनाव में रामनगर जिले के कनकपुरा लोकसभा सीट से चुनाव जीता। कनकपुरा सीट पर 1998 में फिर से चुनाव हुए जिसमें उनकी हार हो गई। यह उनकी ऐसी जबरदस्त हार थी जिसमें उनकी जमानत भी जब्त हो गई।