बेंगलुरु। कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार के किसानों के कर्ज माफी की घोषणा में देरी के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के राज्य व्यापी बंद के आह्वान का सोमवार को मामूली असर रहा और जनजीवन पर कहीं असर नहीं दिखा।
भाजपा कार्यकर्ताओं के सड़क पर टायर जलाने और विरोध मार्च निकालने की घटनाओं के अलावा राज्य में कहीं भी जनजीवन पर असर दिखाई नहीं दिया। राजराजेश्वरी विधानसभा सीट पर चुनाव के मद्देनजर बेंगलुरु को बंद से अलग रखा गया था।
भाजपा के किसानों और जनता से बंद रखने की अपील के बावजूद मैसुरु क्षेत्र में बंद का मामूली असर दिखा। अधिकतर किसान और गन्ना संगठनों ने बंद के आह्वान का समर्थन नहीं किया।
भाजपा सांसद प्रतात सिम्हा, विधायक ए रामदास, आई नागेन्द्र और कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं को आंदोलन का प्रयास करने पर हिरासत में ले लिया गया। बंद के आह्वान के मद्देनजर सिनेमा घर मालिकों ने सुबह के शो नहीं दिखाने फैसला किया था।
राज्य के मान्डया, चामराजनगर, हासन और कोडुगु जिलों में बंद का कोई असर दिखाई नहीं दिया। मदिकेरी में भाजपा के बंद के विरोध में सत्तारूढ़ जनता दल (एस) कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इस दौरान जद (एस) तथा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बहस कहासुनी हुई। पुलिस ने हस्तक्षेप कर हालांकि मामले को शांत करा दिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता बी एस येद्दियुरप्पा ने 25 मार्च को विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जद (एस) और कांग्रेस गठबंधन को अपवित्र करार देते हुए घोषणा की थी कि यदि किसानों के 53000 करोड़ रुपए के कर्ज वादे के अनुरूप तत्काल माफ नहीं किये गये तो उनकी पार्टी राज्य व्यापी आंदोलन करेेगी।
कलाबुर्गी में भाजपा के बंद के आह्वान का इस इलाके में कोई असर नहीं दिखा। बीदर,रायचूर, यादगीर और कोप्पल में बंद का कोई प्रभाव नहीं रहा। स्कूल, कॉलेज और अधिकतर व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे। सड़कों पर सरकारी बसें तथा ऑटो सामान्य दिनों की तरह चलते दिखे।
यादगीर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद करवाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप के कारण वे कामयाब नहीं हो पाए। बीदर में बंद का कोई असर नहीं रहा। सरकारी, निजी बसें, ऑटो रिक्शा सड़कों पर चलते दिखे। स्कूल और कॉलेज खुले रहे।
कोप्पल में भाजपा कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर बस सेवाएं सुबह स्थगित कर दी गई थी लेकिन बाद में बस सेवा बहाल कर दी गई। रायचूर में भी बंद का मामूली असर रहा। सभी सरकारी और निजी बसें चलीं हालांकि कुछ स्थानों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकाला।