नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष मंगलवार को पेश हुए। इस मामले में चिदंबरम काे दिल्ली की एक अदालत ने राहत प्रदान करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर आगामी 10 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है।
ईडी सूत्रों ने बताया कि 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल मैक्सिस सौदे में चिदंबरम की भूमिका को लेकर उनसे पूछताछ कर रही है। एजेंसी चिदंबरम का बयान धन शोधन निषेध कानून के प्रावधानों के तहत दर्ज करेगी क्योंकि इस सौदे को तब मंजूरी दी गई थी जब वह वित्त मंत्री थे।
ईडी के मुताबिक चिदंबरम ने अपने वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान मार्च 2006 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के जरिये ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विस लिमिटेड को एयरसेल में निवेश की मंजूरी प्रदान की थी।
एजेंसी के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री केवल 600 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजरी प्रदान करने में सक्षम थे तथा इससे अधिक राशि की परियोजनाओं के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी की अावश्यकता थी।
चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) को नजरअंदाज कर दिया था।
ईडी के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये सौदा 3500 करोड़ रुपए का था। चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम ने इस जांच को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया है।