इस्लामाबाद। पाकिस्तानी सेना ने मशहूर लेखिका और मानवाधिकार कार्यकर्ता गुल बुखारी के अपहरण में अपना हाथ होने से इनकार किया है।
गाैरतलब है कि सुश्री बुखारी मंगलवार रात पूर्वी लाहौर में एक टेलीविजन कार्यक्रम रिकार्ड करने के लिए जा रही थी और इसी बीच अज्ञात लोगों ने उनके वाहन का पीछा करते हुए उन्हें जबरन गाड़ी से उतार लिया। वह कईं घंटों तक गायब रही थी।
मेजर जनरल आसिफ गफूर ने इस मामले में प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है अौर मेरा मानना है कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि सुश्री बुखारी के अपहरण की खबर मिलने के थोड़ी देर बाद ही उन्होंने सेना के लिए काम करने वाली सभी खुफिया एजेंंसियों से इस मामले में पूछा था कि क्या सेना ने उनका अपहरण किया है।
वह पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की जोरदार समर्थक हैं और उनके समर्थन में लेख लिखती रही हैं। अपनी रिहाई के बाद सुश्री बुखारी ने कहा कि वह पूरी तरह ठीक है और कुछ समय अकेले में बिताना चाहती है।
सुश्री बुखारी के पास पाकिस्तान और ब्रिटिश की दोहरी नागरिकता है और वह पाकिस्तानी सेना की जोरदार आलोचक है तथा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। इस बीच पाकिस्तानी मीडिया ने सेना पर आरोप लगाया है कि वह आगामी चुनावों को देखते हुए प्रेस की आजादी पर सेंसरशिप लगा रही है।