उदयपुर | भारत सरकार के उद्यम, एडसिल इंडिया लिमिटेड ने दिव्यांग लोगों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए नारायण सेवा संस्थान को एक बहुउद्देश्यीय वाहन, टाटा विंगर प्रदान किया। इस शुभ अवसर पर एडसिल इंडिया के सीएमडी श्री दीप्तिमान दास और नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर के पदाधिकारी उपस्थित थे।
इस मौके पर एडसिल इंडिया के सीएमडी दिप्तिमान दास ने कहा, ‘‘आज हम एक ऐसे रोमांचक दौर से गुजर रहें हैं जहां 75 प्रतिशत लोग सामाजिक क्षेत्र पर, विशेष रूप से शिक्षा पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं। परन्तु हम देश की सेवा करने एंव समाज उन्नति में भी विश्वास भाव रखते हुये क और दिशा में हमारा यह एक छोटा सा प्रयास है, वापस जिसके तहत हमने सोचा कि हमें दिव्यांग लोगों को सशक्त बनाने के लिए नारायण सेवा संस्थान का सहयोग करना चाहिए। हम चाहते हैं कि हमारी यह छोटी-सी कोशिश उनके जीवन को सुगम बनाए और उन्हें जीवन में ‘आगे बढ़ने‘ के लिए प्रेरित करे।‘‘
12 दिव्यांग लोगों के साथ टाटा विंगर को एडसिल इंडिया की टीम और पद्मश्री कैलाश ‘मानव‘ की टीम ने हरी झड़ी दिखाकर उदयपुर शहर की पहली यात्रा पर रवाना किया। इस अवसर पर करीब 500 अन्य लोग और 400 दिव्यांग बन्धु साक्षी थे। नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रशांत अग्रवाल कहते हैं, ‘‘हम खुशकिस्मत हैं कि हमें ऐसे कॉर्पोरेट दानदाताओं का साथ मिला है, जो संगठन के भीतर सामाजिक सेवा की भावनाओं को पोषित और पल्लवित कर रहे हैं और जो शोषित और वंचित समुदायों के जीवन में उम्मीद की किरण जगा रहे हैं। हम एडसिल इंडिया के आभारी हैं, जिसने नारायण सेवा संस्थान के परिसर में आने वाले असक्षम लोगों, रोगियों, अनाथ बच्चों और आदिवासी लोगों के स्कूल जाने वाले बच्चों के जीवन की राह को आसान बनाने का महती काम किया है। इस तरह उन्होंने समाज में दूसरे लोगों के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।‘‘
नारायण सेवा संस्थान भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, यूक्रेन, ब्रिटेन और यूएसए में रहने वाले और पोलियो और सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित शारीरिक रूप से विकलांग रोगियों और अन्य जन्म-जात विकलांगता से पीड़ित लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर उभरा है। नारायण सेवा संस्थान ने पिछले 30 वर्षों में 3.5 लाख से ज्यादा मरीजों का आॅपरेशन किया है और और उन्हें चिकित्सा सेवाओं, दवाइयों और प्रौद्योगिकी का निशुल्क लाभ देकर पूर्ण सामाजिक-आर्थिक सहायता प्रदान की है। किसी भी प्रकार के शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास के लिए नारायण सेवा संस्थान आने वाले मरीजों को यहां किसी भी नकद काउंटर या भुगतान गेटवे से गुजरना नहीं होता। संस्थान में 1100 बिस्तरों वाले अस्पताल हैं जहां 125 डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की एक टीम प्रतिदिन लगभग 95 रोगियों का आॅपरेशन करते हुए मानवता की सेवा में जुटी है।