रायपुर | छत्तीसगढ राज्य के किसान केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन के मूड में दिख रहे हैं। किसानों ने 14 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे के दिन काला दिवस मनाने की घोषणा की है।
छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्त ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार 2013 के छत्तीसगढ़ विधानसभा के चुनाव में और 2014 के लोकसभा चुनाव में किसानों से किये गये वादे पूरे नहीं होने से नाराज छत्तीसगढ़ के किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के छत्तीसगढ़ आगमन पर 14 जून को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है।
इस दिन किसान काला फीता लगाकर और गांव में काला झंडा फहराकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ असंतोष व्यक्त करेंगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में किसी भी प्रकार से बाधा खड़ी नहीं की जाएगी। हालांकि किसानों को प्रधानमंत्री की सभा में न जाने की सलाह दी गई है। गुप्त ने बताया कि किसानों को 2022 में आमदनी दोगुना करने का सपना दिखाया जाता है। किसान अपने खराब आर्थिक सेहत की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कराते हैं तब उन्हें मिट्टी के सेहत की बात कही जाती है।
उन्होंने मोदी को निशाने में लेते हुए कहा कि वे पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं और किसानों की स्थिति से अच्छी तरह अवगत हैं। उनसे पूरे देश के किसानों के लिये एक समान नीति और योजना बनाने की उम्मीद की जाती है। वे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक सहित चुनाव वाले राज्यों के किसानों के कर्ज माफी की बात तो करते हैं, लेकिन पूरे देश के किसानों के एकमुश्त कर्ज मुक्ति के लिए मौन धारण कर लेते हैं।