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अलवर में शहीद हंसराज गुर्जर की सैन्य सम्मान से अंत्येष्टि
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अलवर में शहीद हंसराज गुर्जर की सैन्य सम्मान से अंत्येष्टि

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अलवर में शहीद हंसराज गुर्जर की सैन्य सम्मान से अंत्येष्टि
Funeral of martyr Hansraj Gurjar in Alwar
Funeral of martyr Hansraj Gurjar in Alwar
Funeral of martyr Hansraj Gurjar in Alwar

अलवर। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में पाक गोलीबारी से शहीद हुए हंसराज गुर्जर का गुरुवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

हंसराज गुर्जर अमर रहे के गगन भेदी नारों के बीच उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे हजारो लोगों ने भारत मां के वीर सपूत को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। शहीद गुर्जर को उनके एक माह के पुत्र कुशांक ने मुखग्नि दी।

शहीद की पत्नी मंजू देवी की इस दौरान तबीयत बिगड़ गई। मौके पर चिकित्सकों की मेडिकल टीम नहीं होने से परेशान और बढ़ गई। हालांकि शहीद के अंतिम संस्कार के समय जिला प्रशासन के आदेश के बाद वहां मेडिकल टीम पहुंची और बेसुध हुई मंजू देवी का उपचार किया गया।

उनकी शव यात्रा में समूचा गांव उमड़ पड़ा और लोग पाकिस्तान मुर्दाबाद, वीर शहीद अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाए। इससे पूर्व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने उन्हें पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस मौके पर राजस्थान सरकार के मंत्री हेम सिंह भड़ाना, डॉ रोहिताश शर्मा, बानसूर विधायक शकुंतला रावत, जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित सहित अनेक अधिकारी और जन प्रतिनिधि मौजूद थे। शहीद हंसराज गुर्जर की पार्थिव देह बुधवार रात सीमा सुरक्षा बल के जवान लेकर उनके पैतृक गांव पहुंचे थे।

तिरंगे में लिपटकर आया भारत मां का लाल

बतादें कि शहीद हंसराज गुर्जर के घर शुक्रवार को कुआं पूजन (बच्चे के जन्म पर होने वाली रस्म) का कार्यक्रम था और वो खुद भी इसमें शामिल होने घर लौटने वाले थे। घर वापसी से दो पहले ही मौत की सूचना से परिवार की खुशियां मातम में बदल गई। शहीद हंसराज 26 जनवरी को ही घर पर छुट्टी बिताकर वापस लौटा था। शहीद के तीन भाई हैं, इनमें शहीद हंसराज सबसे छोटा था। हंसराज के एक दो साल की बेटी कोमल और दूसरा बेटा है। शहीद हंसराज के यहां 8 मई को ही बेटे का जन्म हुआ था। बेटे के जन्म की खुशी पति के साथ मनाने से पहले ही पत्नी मंजू देवी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।