रायपुर | छत्तीसगढ प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अघ्यक्ष रामदयाल उइके ने बिलासपुर जिले के मरवाही विधानसभा क्षेत्र में एक किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में अधिकारियों को जिम्मेदार बताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उईके ने आज यहां प्रेस कान्फ्रेंस में पिपरिया ग्राम के किसान सुरेश सिंह मरावी बैंक के नोटिस से परेशान था। उन्होंने बताया कि पिछले तीन साल से सूखे की मार झेल रहा सुरेश कुमार को वहां के पटवारी ने सूखा राहत के तहत मात्र 13161 रुपए की क्षतिपूर्ति मंजूर की थी।पटवारी ने उनके फसल क्षति का सर्वे किए बिना ही रिपोर्ट दी।उन्होंने बताया कि सिंचित फसल वाले खेतों के लिए एक लाख पांच सौं और असिचिंत खेतों में फसल नुकसान पर 51 हजार रुपए क्षतिपूर्ति का प्रावधान है। यहां पर बीमा कंपनी के सीईओ और उस क्षेत्र के ण्सडीएम, तहसीलदार ने बिना सर्वे कराए ही क्षतिपूर्ति की राशि तय कर दी।
उन्होंने बताया कि किसान सुरेश कुमार ने 06 जून को आत्महत्या किया और 8 जून को सहकारी बैंक मरवाही शाखा के उनके खाते में शासन की ओर से एक लाख 79 हजार 745 रुपए जमा कराए गए हैं।अगर शासन की ओर से यह राशि पहले ही जमा करा दी जाती तो किसान आत्महत्या करने से बच जाता।
उन्होंने कहा कि पूरे मामले में घोर लापरवाही के कारण उक्त किसान की मौत हुई है। उइके ने कहा कि मामले में अफसरों की लापरवाही को देखते हुए उन पर प्राथमिकी दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने पूरी प्रक्रिया में राजस्व विभाग के अधिकारियों को दोषी बताया और उन पर कार्रवाई नहीं होने पर 18 जून को थाने का घेराव और आन्दोलन करने की धमकी दी है।उन्होने मृतक किसान के परिजनों को 25 लाख रूपए का मुआवजा दिए जाने की भी मांग की।