भोपाल | मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने करीब आधा दर्जन मामले में संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। आयोग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इन्दौर में भाई की हवस का शिकार बनी पन्द्रह वर्षीय पीड़िता के मामले में आयोग ने पुलिस उप महानिरीक्षक इन्दौर से पन्द्रह दिवस में प्रतिवेदन तलब करते हुए निर्देशित किया है कि पीड़ित बालिका को तत्काल निःशुल्क मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही पीड़ित बालिका का नियमानुसार गर्भपात संभावित हो तो तत्काल व्यवस्था करायी जाये एवं अन्य आवश्यक वैघानिक कार्यवाही प्राथमिकता से कराई जाये।
आयोग ने पिपलानी थाना क्षेत्र के अन्तर्गत कल्पना नगर में दो बाल श्रमिकों के मकान के नवीनीकरण कार्य के दौरान हाईटेंशन लाईन की चपेट में आ जाने से मृत्यु हो जाने के मामले में पुलिस उप महानिरीक्षक भोपाल तथा संभागीय सहायक श्रमायुक्त से प्रतिवेदन मांगा है। इसी प्रकार भोपाल के एनएन मेडिकल काॅलेज में रैगिंग से परेशान छात्र द्वारा आत्महत्या करने के मामले में पुलिस अधीक्षक बैतूल से प्रतिवेदन तलब किया है। वहीं उज्जैन जिले के नागदा क्षेत्र के गांव पिपलौदा बागला में विद्युत कंपनी की लापरवाही के कारण ठेका श्रमिक का शव विद्युत तारों पर पर लटका रहने के मामले में सीएमडी मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विविकंलि इन्दौर से प्रतिवेदन तलब कर पूछा है कि मृतक के परिवार को क्या कोई राहत दी गई है अथवा प्रस्तावित है।
इसी तरह राजगढ़ जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते नवजात की मृत्यु हो जाने के मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजगढ़ से एक माह में जांच प्रतिवेदन मांगा है। तथा भोपाल जेल में 9 लड़कियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट कर मानसिक प्रताड़ना दिये जाने के मामले में पुलिस उप महानिरीक्षक भोपाल से प्रतिवेदन तलब किया है।
इसके अलावा भोपाल में हरे भरे पेड़ों को काटे जाने के मामले में संज्ञान लिया है। आयोग ने इस संबंध में कलेक्टर भोपाल एवं आयुक्त नगर निगम भोपाल से प्रतिवेदन तलब कर पूछा है कि क्या हरे भरे कितने पेड काटे गये। ट्रक में भरकर ले जाये गये पेड़ों को किसके सुपुर्द किया गया है, इनकी कुल मात्रा कितनी थी। सुपुर्द गाड़ी की रसीद कहां है। क्या पेड़ों को काटने में नियमों का उल्लघन हुआ है। यदि कोई त्रुटि हुई है तो दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है या प्रस्तावित है।