नई दिल्ली। भाजपा ने जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़ लिया है तथा उसने पीडिपी सरकार से अलग होने की घोषणा कर दी है। आज शाम ही जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपने पद से इस्तीफा देंगी। बताया जा रहा है कि बीजेपी कुछ ही देर में राज्यपाल को अपना पत्र देंगी।
भाजपा के महासचिव और जम्मू कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में पीडीपी के साथ आगे गठबंधन जारी रखना असंभव है और हमने इसे तोड़ने का फैसला किया है।
राम माधव ने कहा कि जम्मू कश्मीर के भाजपा नेताओं के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। बैठक में तीन साल पहले जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने के लिए जो गठबंधन किया गया था उसके बारे में राज्य के नेताओं से आगे बनाए रखने के लिए विचार विमर्श किया गया। नेताओं के साथ विचार विमर्श में यह पाया गया कि जिन उद्देश्यों के लिए पीडीपी के साथ सरकार बनाई गई थी वह हासिल नहीं हो पाए।
भाजपा महासचिव ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात संभालने में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सफल नहीं रहीं। भाजपा ने राज्य के हालात के लिए मुफ्ती को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा ने गठबंधन से अलग होने के बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने की मांग की है।
बतादेंकि विधानसभा में बीजेपी के 25 और पीडीपी के 28 विधायक है। दोनों की मिलीजुली सरकार चल रही थी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में जम्मू-कश्मीर से पार्टी के सांसदों से मुलाकात के बाद समर्थन वापस लेने का फैसला किया।
रमजान के बाद राज्य में आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद दोनों पार्टियों के बीच कडवाहट बढती जा रही थी।
पीडिपी चीफ मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती इस बात पर जोर दे रही थी कि केंद्र को अलगाववादियों से बातचीत करनी चाहिए। जबकि केंद्र का तर्क था कि अलगाववादियों ने बातचीत का दिया गया अवसर खो दिया है।
कश्मीर घाटी में केंद्र सरकार की विशेष शांति पहल के तहत रमजान के माह में कॉर्डन और सर्च ऑपरेशंस स्थगित किया हुआ था। लेकिन आंकड़ों से पता चला कि इस अवधि में आतंकवादी गतिविधियां दोगुना हो गईं।
ईद की पूर्व संध्या पर वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी को श्रीनगर में आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। इसके साथ ही युद्धविराम के विस्तार की आशा समाप्त हो गई। रविवार को ट्वीट्स की एक श्रृंखला में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की कि सुरक्षा बलों को संचालन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
समर्थन वापसी के ऐलान के बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर बड़ी बैठक बुलाई है। अमित शाह ने जम्मू कश्मीर सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं को इस बैठक में बुलाया है। बैठक के लिए अमित शाह पार्टी कार्यालय पहुंच गए हैं, कुछ ही देर में बैठक शुरू होगी।