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फुटबाल विश्वकप : रूस ने मिस्र को भी पीटा, नॉकऑउट दौर में पहुंचा
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फुटबाल विश्वकप : रूस ने मिस्र को भी पीटा, नॉकऑउट दौर में पहुंचा

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फुटबाल विश्वकप : रूस ने मिस्र को भी पीटा, नॉकऑउट दौर में पहुंचा
रूस ने मिस्र को 3-1 से हराकर , नॉकऑउट दौर में पहुंचा
रूस ने मिस्र को 3-1 से हराकर , नॉकऑउट दौर में पहुंचा
रूस ने मिस्र को 3-1 से हराकर , नॉकऑउट दौर में पहुंचा

सेंट पीटर्सबर्ग। मेज़बान रूस ने तमाम अटकलों और आलोचनाओं को झुठलाते हुए लगातार दूसरे मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया और ग्रुप ए मुकाबले में मिस्र को 3-1 से पीटकर फीफा फुटबाल विश्वकप टूर्नामेंट के नॉकऑउट चरण में प्रवेश कर लिया है।

रूस की यह लगातार दूसरी जीत है और उसके छह अंक हो गए हैं। मेजबान टीम ने इससे पहले अपने अभियान की धमाकेदार शुरूआत करते हुये सउदी अरब को 5-0 से हराया था।

मैच का पहला हाफ गोलरहित रहने के बाद चारों गोल दूसरे हाफ में हुए। रूस ने दूसरा हाफ शुरू होते ही मिस्र के आत्मघाती गोल से बढ़त बना ली। रूस ने फिर तीन मिनट के अंतराल में दो गोल दागकर स्कोर 3-0 कर दिया। मिस्र ने 73 वें मिनट की पेनल्टी से हार का अंतर कम किया। मिस्र की यह लगातार दूसरी हार है जिससे उसकी नॉकऑउट दौर में जाने की सम्भावना लगभग समाप्त हो गयी है।

मिस्र को अपने स्टार स्ट्राइकर मोहम्मद सालाह की वापसी से कोई विशेष फायदा नहीं हुआ। हालांकि सालाह ने पेनल्टी पर विश्व कप का अपना पहला गोल जरूर किया लेकिन वह रूस के लिए उतने खतरनाक साबित नहीं हो सके जितनी उनसे उम्मीद की जा रही थी।

पहला हाफ गोल रहित रहने के बाद रूस को दूसरे हाफ में 47 वें मिनट में ही बढ़त मिल गयी जब रोमन जोबनिन के ड्राइव को क्लियर करने की कोशिश में मिस्र के अहमद फतही गेंद को अपने गोल की ही दिशा दे बैठे।

इस आत्मघाती गोल से विश्व कप में आत्मघाती गोलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह टूर्नामेंट का पांचवां आत्मघाती गोल था और 1998 में बने छह आत्मघाती गोल का रिकॉर्ड ज्यादा दूर नहीं रह गया है।

रूस का इस गोल से उत्साह बढ़ गया और उसने मिस्र पर अपने हमले तेज कर दिए। मैच के 59 वें मिनट में डेनिस चेरीशेव ने रूस का दूसरा गोल दाग दिया जबकि तीन मिनट बाद 62 वें मिनट में आर्टेम ज्यूबा ने रूस को तीसरा गोल कर मिस्र की सारी उम्मीदों को समाप्त कर दिया। चेरिशेव का टूर्नामेंट का यह तीसरा गोल था।

सालाह ने 73 वें मिनट मिली पेनल्टी पर बाएं पैर के शक्तिशाली गोल से गोल जरूर किया लेकिन तब तक मिस्र की तमाम उम्मीदें समाप्त हो चुकी थीं। कंधे की चोट से वापसी कर रहे सालाह मिस्र के पालनहार नहीं बन सके।