नयी दिल्ली । सरकार ने आज स्पष्ट किया कि 50 हजार रुपये से ज्यादा के घाटे में चल रही सरकारी विमान कंपनी एयर इंडिया के भविष्य पर फैसला अभी टाल दिया गया है, लेकिन वह इसमें रणनीतिक विनिवेश को लेकर प्रतिबद्ध है।
नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने यहाँ मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में कहा “हमने एयर इंडिया के विनिवेश के लिए बोली प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन किसी ने बोली नहीं लगायी। अरुण जेटली की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह ने (19 जून को) स्थिति की समीक्षा की है जिसमें बाजार के बदले हुये हालात पर भी चर्चा हुई।
एयर इंडिया के बारे में कोई फैसला बाद में किया जायेगा। तब तक हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इसका परिचालन सही से होता रहे।” प्रभु ने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश के फैसले के बाद से वैश्विक स्तर पर बाजार में स्थितियाँ प्रतिकूल हैं। विमान ईंधन के दाम भी बढ़ गये हैं। इन बदली हुई परिस्थितियों में नये सिरे से सभी विकल्पों पर विचार कर जो भी बेहतर होगा किया जायेगा।