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राजस्थान में पहली बार होगा वीवीपैट और एम-3 ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल
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राजस्थान में पहली बार होगा वीवीपैट और एम-3 ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल

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राजस्थान में पहली बार होगा वीवीपैट और एम-3 ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल
VVPAT machines and next-generation EVMs to be used in upcoming Rajasthan assembly elections
VVPAT machines and next-generation EVMs to be used in upcoming Rajasthan assembly elections

जयपुर। राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अश्विनी भगत ने कहा है कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में निष्पक्ष एवं पारदर्शी मतदान के लिए पहली बार वीवीपैट और ईवीएम एम-3 मशीनों के जरिए मतदान कराया जाएगा।

भगत यहां ईवीएम और वीवीपैट की प्रथम स्तरीय जांच के संबंध में आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि नई तकनीक से मतदान सुगम, सहज होने के साथ और अधिक पारदर्शी एवं निष्पक्षता के साथ सम्पन्न कराया जा सकेेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार 52 हजार से ज्यादा मतदान केंद्रों पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे में निर्वाचन से जुड़े सभी अधिकारी प्रशिक्षण के बाद बेहतर परिणाम दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में होने वाले चुनाव के लिए आयोग से दो लाख ईवीएम और वीवीपैट मशीनें मंगवाई जा रही हैं।

कार्यशाला में हाल में कर्नाटक में चुनाव सम्पन्न कराकर आए उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी और निर्वाचन आयोग के मास्टर ट्रेनर राघवेंद्र ने एम-3 ईवीएम और वीवीपैट के बारे में सभी अधिकारियों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अधिकारी एफएलसी के दौरान राजनीतिक दलों की मौजूदगी सुनिश्चित करें ताकि किसी भी प्रकार की शंका पैदा नहीं हो।

इस दौरान निर्वाचन आयोग से आए मधुसूदन गुप्ता ने सभी अधिकारियों को आश्वस्त किया कि ईवीएम मशीनें किसी भी नेटवर्क या वायरलैस उपकरणों से जुड़ी नहीं होती, इसलिए इनमें हेराफेरी या किसी भी तरह की हैकिंग संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकारी राजनीतिक दलों और आमजन में और अधिक जागरूकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार करें ताकि लोकतंत्र के इस उत्सव के प्रति किसी के मन में कोई शंका ना रहे।

कार्यशाला में एकीकृत प्रारूप मतदाता सूचियों की चैकलिस्ट की जांच एवं इसे आदिनांक करना, मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन एवं पुनर्गठन संबंधी कार्य, मतदान केंद्रों पर न्यूनतम आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में स्थिति, मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम की तैयारी जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।