जयपुर। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और भाजपा अपनी अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है। दोनों दलों के नेता एक दूसरे पर बयानों के तीर छोडने लगे हैं। खासकर प्रदेश की राजनीती से दिल्ली तक दखल रखने वाले अशोक गहलोत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बनने के बाद राजस्थान में सचिन पायलट की तरह सक्रिय नजर आ रहे हैं। अपने प्रदेश दौरे के दौरान वे भाजपा पर पलटवार करने से नहीं चूक रहे।
आपातकाल को पाठयक्रमों में शामिल करने के केन्द सरकार के निर्णय को लेकर बचाव की मुद्रा में आने के बजाय गहलोत ने दावा किया कि इससे कांग्रेस न केवल और मजबूत होगी बल्कि उसकी प्रतिष्ठा भी बढेगी।
गहलोत ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार द्वारा आपातकाल को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में जो दुष्प्रचार किया जा रहा है उससे भावी पीढी को वास्तविकता की जानकारी होगी।
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने सत्ता को बनाए रखने के लिए नहीं अपितु देश की आतंरिक स्थिति को व्यवस्थित करने के लिए आपातकाल लगाया था।
उन्होंने केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गांधी परिवार पर सत्ता कब्जाने के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि लगभग तीन दशकों से गांधी परिवार का कोई सदस्य सत्ता में नहीं है और वह देश की जनता की सेवा में जुटा हुआ है।
गहलोत ने कहा कि विपक्ष विशेषकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा जानबूझकर कांग्रेस के प्रति दुष्प्रचार कर रहे हैं लेकिन आम जनता अब उनके जुमलों और झांसे में नहीं आने वाली। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के परिणाम इसे साबित कर देंगे।
उन्होंने पुन: दोहराया कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा देश में अघोषित आपातकाल लगाया गया है जिसके कारण देश में भय, शोषण, घृणा और विद्वेष का वातावरण बनता जा रहा है और आम जनता इससे पूरी तरह से उब चुकी है तथा वह केन्द्र एवं राज्य की भाजपा सरकार को सबक सिखाने के लिए तत्पर है।
गहलोत ने कहा कि आपातकाल के नाम पर उस समय देश की जनता ने जनता पार्टी को सत्तारूढ किया था लेकिन ढाई साल में ही वह जन अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी और अंतोगत्वा जनता ने पुन: इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री की गद्दी सौंप दी।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अनेक नेताओं ने अपने कार्यों से न केवल देश में नाम कमाया बल्कि दुनियाभर में भारत का मान और सम्मान बढाया है। इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाने के लिए जनता से माफी भी मांगी थी जिसे जनता ने उन्हें माफ कर ढाई साल बाद ही पुन सत्ता सौंप दी थी।
सुप्रीमकोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगले देने पर रोक के संबंध में पूछे गए सवाल पर गहलोत ने कहा कि देश में सभी संस्थाओं को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों की पालना करनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि उनका व्यक्तिगत मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले मिलने चाहिए लेकिन उस संपति पर अधिकार सरकार का होना चाहिए।
आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की रणनीति के बारे में पूछे गए सवालों को टालते हुए उन्हाेंने कहा कि इस संबंध में निर्णय पार्टी हाईकमान ही करेंगे।