सबगुरु न्यूज-सिरोही। एनएचएआई के नेशनल हाइवे संख्या 62 के सिरोही में स्थित सुरंग के एक छोर पर शुक्रवार को शिलास्खलन से चार मजदूरों की मौत के बाद शनिवार सवेरे भी यह मामला गर्माया। गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी और एडीएम आशाराम डूडी की मौजूदगी में एलएण्डटी के अधिकारियों ने मृतक आश्रितों को दस-दस लाख रुपये देने पर सहमति जताई। वहीं पुलिस ने एलएण्डटी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।
जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में मृतकों के शव रखवाए गए थे। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव ले जाना था। मृतकों के परिजनों ने शव उठाने से मना किया। इसके बाद गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी की मौजूदगी मे एलएण्डटी के अधिकारियों की एडीएम की मौजूदगी में परिवार व गांव वालों से चर्चा हुई। एडीएम आशाराम डूडी ने बताया कि बैठक के बाद एलएण्डटी मृतक आश्रितों को दस-दस लाख रुपये का मुआवजा देने पर सहमत हो गई।
इसमें ढाई लाख रुपये कैश, ढाई लाख रुपये का चेक सात दिनों में तथ तीस दिन में शेष पांच लाख रुपये को चेक मृतक आश्रित के नाम से दिया जाएगा। वैसे मृतकों के गांव वालों व हितैषियों ने तीस-तीस लाख रुपये की मांग की थी। इसके बारे में भाजपाई चर्चा भी कर रहे थे।
लेकिन, किस तरह यह तीस लाख दस लाख में बदले यह फिलहाल चर्चा का विषय नहीं है। कार्यवाहक डीएसपी देवाराम चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को हुए हादसे के बाद में सिरोही कोतवाली थाने में एलएण्डटी के जिम्मेदार लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है।
बंद कमरे में हुई चर्चा
सवेरे सिरोही जिला चिकित्सालय पर मृतकों के परिजनों और गांव वालों का मजमा लग गया। हालात नाजुक थे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहले ही मौजूद थे। इसके बाद गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी पहुंचे और जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चौधरी पहुंचे।
इन लोगों के आने से पहले एडीएम आशाराम डूडी, सिरोही एसडीएम नाथूसिंह, कार्यवाहक डीएसपी देवाराम, सुमेरपुर डीएसपी अमरसिंह आदि ग्रामीणों से समझाइश करके नर्सिग हॉस्टल के रूम में ला आए। ओटाराम देवासी हॉल के पास स्थित एक कमरे में गए जहां पहले से ही एडीएम और एलएण्डटी के अधिकारी बैठे हुए थे।
देवासी के कमरे में घुसते ही डीएसपी देवाराम ने कमरा बंद करके कुंडी दरवाजे पर कुंडी लगा दी। कमरे में चर्चा करने के बाद यह लोग हॉल में चले गए। वहां पर मृृतकों के गांव के मौजीज लोगों व उनके परिजनों से लम्बी चर्चा के बाद इस बात पर सहमति बनी कि मृतक आश्रितों को दस-दस लाख रुपये का मुआवजा देने पर सहमति बनी।
वैसे हॉस्टल के बाहर लोग बंद कमरे में चर्चा किए पर सवालिया निशान लगाते रहे, लेकिन ऐसे लोगों को पुलिस ने मौके से रवाना कर दिया। वहीं बहस कर रहे एक युवक को तो हिरासत में लेने पर भी पुलिस अधिकारियों ने चर्चा होने लगी।
बैठक के बाद ये बोले मंत्री ओटाराम देवासी
बैठक के बाद ओटाराम देवासी ने मीडिया को बताया कि बैठक में एलएण्डटी के अधिकारियों ने मृतक आश्रितों को दस-दस लाख रुपये दिए जाने की सहमति जताई है। देवासी ने दावा किया कि ईएसआई में भी जो पैसे कटते हैं वो आठ-दस लाख रुपये भी मृतक आश्रितों को मिलें। इसके अलावा मृतक आश्रित हैं उन्हें नौकरी या पेंशन दिया जाए।
उन्होंने कहा कि यह रोड जब से बनी है तब से परेशानी है। उन्होंने इस मुदïदे को विधानसभा में कई बार उठाया। उन्होंने बताया कि वह जनता के साथ हैं। उन्होने कहा कि इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लोढ़ा पहुंचे तो फिर बढ़ गई हलचल
ओटाराम देवासी और लुम्बाराम चौधरी के जाने के बाद पूर्व विधायक संयम लोढ़ा जिला चिकित्सालय में पहुंचे। उनके पहुंचते ही नर्सिंग छात्रावास के बाहर खड़े लोगों में जैसे जोश आ गया।
सभी दस लाख रुपये का मुआवजा कम होने की बात कहते नजर आए। इधर, हॉस्टल के अंदर प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों में लोढ़ा के आने पर समझौते के खटाई में पडऩे का डर सताने लगा। वैसे बाहर संयम लोढ़़ा ने प्रशासनिक अधिकारियों पर सरकार पर इन चार मजदूरों की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए उन्हें जिम्मेदार ठहराया।
मृतक के परिजनों में से जब कुछ परिजन भी उठकर बाहर संयम लोढ़ा के पास चले गए तो एक बारगी तो सभी प्रशासनिक अधिकारियों को ये लगने लगा की समझौता खटाई में पड़ा। वे देवासी के जाने के बाद मौके पर मौजूद भाजपा महामंत्री महिपाल चारण और भारतीय जनता किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष गणपतसिंह से इस बारे में चर्चा करते दिखे।
बाद में लोढ़ा मामले को बहुत तूल देने की बजाय वहां से चले गए। इसके बाद प्रशासन की जान में जान आई। इससे पहले एक युवक जब इसी तरह की बात करता हुए बंद कमरे में वार्ता का विरोध करता हुआ नजर आया था तो पुलिस के सभी अधिकारी उसे भीड़ को भडक़ाने का आरोप लगाते हुए उस पर चढ़ बैठे थे।
इतना ही नहीं एक पुलिस अधिकारी ने तो उसे हिरासत में लेने को भी कह दिया था, लेकिन संयम लोढ़ा के आने पर इस तरह की कोई बहस करते पुलिस अधिकारी नजर नहीं आए।