सिमडेगा। झारखंड में सिमडेगा जिले की एक सत्र अदालत ने पूर्व मंत्री तथा वर्तमान विधायक एनोस एक्का को पारा शिक्षक हत्या मामले में मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज श्रीवास्तव की अदालत ने यहां पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या के मामले में कोलिबेरा विधायक एनोस एक्का को भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत आजीवन कारावास के साथ ही एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। उम्रकैद की सजा मिलने के कारण एनोस एक्का की विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो जाएगी।
इससे पूर्व 30 जून 2018 को अदालत ने पारा शिक्षक हत्या मामले में एनोस एक्का को दोषी करार दिया था और सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तिथि निर्धारित की थी। वहीं, इस मामले में एक अन्य आरोपी विक्रम गोप उर्फ बारूद गोप पर अभी सुनवाई जारी है।
आरोप के अनुसार मृतक पारा शिक्षक मनोज कुमार कोलिबेरा प्रखंड के पारा शिक्षक संघ एवं लसिया प्रखंड संघर्ष समिति के अध्यक्ष के साथ ही एनोस एक्का की झारखंड पार्टी के सक्रिय सदस्य भी थे। चुनाव से पहले मनोज कुमार एक्का की पार्टी छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो गए थे। नवम्बर 2014 को विद्यालय से कुछ अज्ञात अपराधी उसे जबरन अपने साथ ले गए और बाद में उनका शव बरामद किया गया था।
इस मामले में मनोज के परिजनों ने एनोस एक्का के खिलाफ संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने एक्का को कोलिबेरा में थकुटोली स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वर्तमान में एक्का रांची में होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है।
उल्लेखनीय है कि पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या के मामले में एनोस एक्का को 27 नवंबर 2014 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके बाद पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उन्हें 29 फरवरी 2016 को तीन दिनों की औपबंधिक जमानत मिली थी।
करीब तीन महीने बाद 02 जून 2016 को उन्हें हृदय की तकलीफ की शिकायत होने के बाद रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती कराया गया था। एक्का को 26 अगस्त 2016 को बेहतर इलाज के लिए मेदांता अस्पताल, गुड़गांव भेजा गया।
वहीं, 19 नवंबर 2016 को उन्हें सिमडेगा जेल लाया गया तथा पुन: इलाज के लिए उन्हें 6 मार्च 2017 को रिम्स भेजा गया और 01 जुलाई 2017 को रिम्स से होटवार जेल भेजे गए। इसी वर्ष 21 जुलाई को उन्हें जेल से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली ले जाया गया। एम्स में करीब 100 दिन तक उनका इलाज चला। उन्होंने 18 दिसंबर 2017 को गॉल ब्लाडर के ऑपरेशन की अनुमति मांगी फिर इस साल एक महीने तक वह एम्स में भर्ती रहे।