पटना । केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने आज कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लिए वचनबद्ध है और इसी के मद्देनजर खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागत का डेढ़ गुना करने का एतिहासिक फैसला लिया गया है।
सिंह ने यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2018-19 के खरीफ की फसलों के लिए एमएसपी को लागत का डेढ़ गुना या उससे अधिक बढ़ा दिया है। किसानों को अब उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना ज्यादा कीमत मिलेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस बजट में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृषि नीति में आवश्यक बदलाव करने का भी संकेत दिया था।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पूरी तरह वचनवद्ध है और इसके लिए एक सघन नीति बनाकर काम किया जा रहा है। इस नीति का जोर उत्पादकता में वृद्धि करने, खेती की लागत को कम करने एवं बाजार ढांचा समेत फसल कटाई के बाद का प्रबंधन मजबूत करने पर है। उन्होंने कहा कि इसमें मॉडल कृषि उत्पाद एवं पशुधन विपणन अधिनियम 2017 और मॉडल संविदा खेती एवं सेवा अधिनियम 2018 शामिल है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कई राज्यों ने नियम के माध्यम से इसे अपनाने का उपाय किया है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए एक नये बाजार ढांचे पर काम कर रही है कि किसानों को उनके उत्पादों के लिए लाभकारी मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि इसमें ग्रामीण कृषि बाजार की स्थापना शामिल है ताकि फार्म गेट के माध्यम से एक मजबूत प्रो-कृषक निर्यात नीति से लगभग 22 हजार खुदरा बाजारों (ग्रामीण हाट) को बढ़ावा दिया जा सके।
सिंह ने कहा कि एक नयी एमएसपी नीति के तहत किसानों के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित किया जा सके और इसके लिए सरकार पिछले चार वर्षों से प्रयत्नशील है। सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने और उसके बाद किसानों के कल्याण में सुधार लाने के लिए बचनवद्ध है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दलहनों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पोषाहार और सुरक्षा पर विजय पाने, नाइट्रोजन निर्धारण के जरीये भू-उर्वरता में सुधार लाने एवं किसानों को आय सहायता प्रदान करने में सहायता मिल सकती है। इसके लिए दलहनों के एमएसपी में वृद्धि से किसानों को उनके दलहन क्षेत्रफल में वृद्धि करने का प्रोत्साहन मिलता है।
उन्होंने कहा कि पोषक अनाजों के एमएसपी में वृद्धि से पोषाहार सुरक्षा में सुधार होगा एवं किसान बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दलहन और तिलहन की खरीददारी का प्रस्ताव राज्य सरकार देती है और यदि राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में कोई प्रस्ताव मंत्रालय को मिलता है तो 24 घंटे के अंदर इस पर निर्णय लिया जाता है।