जालंधर । गर्मी तथा उमस भरे मौसम के कारण पंजाब और हरियाणा में सोमवार अपराह्न बिजली की मांग में अचानक से बढ़ौतरी हो गई। सोमवार को पंजाब में बिजली की मांग 12 हजार मेगावाट और हरियाणा में दस हजार मेगावाट के पार हो गई।
बरसात न होने तथा धान के सीजन के चलते आज दोनों राज्यों में बिजली की मांग में और बृद्धि हुई है। मंगलवार को पंजाब में बिजली की मांग 12266 मेगावाट और हरियाणा में 10037 मेगावाट तक पहुंच गई है। विभाग द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि आज की बढ़ी हुई मांग से निपटने के लिए बिजली वितरण कंपनी(डिस्कॉम) पूरी तरह सक्षम है।
मंगलवार को जीवीके की एक इकाई को छोड़ कर राज्य क्षेत्र और निजी क्षेत्र की सभी थर्मल इकाईयां चल रही हैं। राज्य क्षेत्र की थर्मल इकाईयां लगभग 1600 मेगावाट पैदा कर रही हैं जबकि निजी थर्मल इकाईयां लगभग 3360 मेगावाट पैदा कर रही हैं। हाइड्रो उत्पादन लगभग 750 मेगावाट है। पंजाब में बिजली आपूर्ति 2703 लाख इकाई थी जिसमें से राज्य में थर्मल इकाईयों ने 1027 लाख युनिट बिजली की आपूर्ति की।
हाईड्रो ने 190 लाख इकाईयों की आपूर्ति की जबकि केंद्रीय क्षेत्र और द्विपक्षीय व्यवस्था में अपने शेयर कोटा के रूप में 1423 लाख इकाइयों की आपूर्ति की गई। हरियाणा में बिजली आपूर्ति 2164 लाख इकाई थी जिसमें से थर्मल इकाईयों ने 577 लाख युनिट बिजली की आपूर्ति की। आज यमुना नगर की दोनों इकाईयां, खेदर की एक इकाई और पानीपत की दो इकाईयां बिजली का उत्पादन कर रही हैं। कम मांग के कारण राज्य क्षेत्र की अन्य इकाइयां बंद रही।
पंजाब के जलाशयों में जल स्तर पिछले साल की तुलना में कम स्तर पर जारी है। भाखड़ा बांध में जल स्तर पिछले साल दस जुलाई के 481.86 मीटर के मुकाबले इस वर्ष 457.08 मीटर है। यह जल स्तर पिछले वर्ष से 24.8 मीटर कम है। रंजीत सागर बांध परियोजना के मामले में पानी का स्तर पिछले वर्ष के 515.41 मीटर के स्तर के मुकाबले आज 505.98 मीटर है।