नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के विधानसभा चुनाव को लेकर दायर याचिका को निरस्त कर दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता पर दो लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। इसे मुख्यमंत्री के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
न्यायाधीश लोकपाल सिंह की पीठ ने इस मामले में आदेश सुनाया। पीठ ने इस मामले में कुछ दिन पहले सुनवाई पूरी कर ली थी और निर्णय को सुरक्षित रखा था। पीठ ने बुधवार को जारी आदेश में मुख्यमंत्री को राहत प्रदान करते हुए याचिकाकर्ता हेमा पुरोहित पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
हेमा पुरोहित ने डोईवाला विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आवेदन किया था लेकिन उसका नामांकन रद्द हो गया था। इस मामले को याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि चुनाव आयोग की ओर से उसे जानबूझकर चुनाव लड़ने से रोका गया है। उसके नामांकन पत्र को इसलिए रद्द किया गया कि उसमें उसके हस्ताक्षर नहीं थे। उसने हस्ताक्षर करने की मांग की तो आयोग की ओर से उसे अस्वीकार कर दिया गया।
याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई कि डोईवाला विधानसभा का चुनाव निरस्त किया जाए और नये चुनाव कराए जाएं। पीठ ने इस मामले में 28 जून को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने बुधवार को इस मामले में अपना निर्णय सुनाया।