अजमेर। अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा अजमेर से पुष्कर की ओर घाटी के नीचे बनाई जाने वाली सुरंग का मामला बुधवार को न्यायालय में पहुंच गया।
श्यामसुंदर तापड़िया एवं केके शर्मा ने अपने वकील विवेक पाराशर के जरिए वाद दायर कर अदालत से सुरंग निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। इस पर अपर मुख्य न्यायधीश संख्या पांच सीमा अग्रवाल ने वादियों के प्रार्थना पत्र के जवाब में प्राधिकरण अध्यक्ष एवं आयुक्त को न्यायालय में तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई सत्रह जुलाई को होगी।
वाद में प्राधिकरण की माली हालत खस्ता होने के साथ सुरंग के सर्वे पर दो करोड़ रुपये खर्च किए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई गई है। साथ ही अदालत को जानकारी दी गई है कि इस सुरंग बावत वर्षों पहले सार्वजनिक निर्माण विभाग सर्वे का काम करा चुका है।
नाग पहाड़ को काटकर सुंदरता खत्म करने और हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत जैसे बिंदु भी उठाए गये हैं। गौरतलब है कि प्राधिकरण ने हाल में सर्वे का काम वेस्कॉप कंपनी को सौंपा है जो अगले दो महीने में सर्वे रिपोर्ट सौंपेगी।