चंडीगढ़| शिराेमणि अकाली दल(शिअद) ने सिख महिलाओं के लिये हैलमेट पहनना अनिवार्य किये जाने सम्बंधी चंडीगढ़ प्रशासन की अधिसूचना का विरोध करते हुये इसे वापिस लेने की मांग की है। शिअद उपाध्यक्ष और प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि प्रशासन की अधिसूचना में यह कहा गया है कि हैलमेट पहनने से छूट केवल उन सिख महिलाओं को होगी जो पगड़ी पहनती हैं तथा इसके अलावा अन्य सभी महिलाओं को इसे पहनना अनिवार्य होगा।
पार्टी की दलील है कि प्रशासन को सिख महिलाओं की पहचान की पहचान सम्बंधी परिभाषा बदलने, इसे पुनर्भाषित करने या यह तय करने का कोई अधिकार नहीं है कि कौन सिख महिला है। जबकि ‘सिख रहत मर्यादा‘ में सिख महिलाओं को लेकर अच्छी तरह वर्णित है। उन्होंने कहा कि रहत मर्यादा में सिख महिलाओं हैलमेट, टोपी और हैड पहनने पर पूरी तरह से मनाही है तथा इसके अलावा सिख मर्यादा में सभी महिलाओं को पगड़ी पहनना अनिवार्य नहीं किया गया है। यह उनकी इच्छा पर निर्भर करता है। अधिकतर महिलाएं दुपट्टे से अपना सिर ढकती हैं। जबकि सिख पुरूषों को पगड़ी पहनना अनिवार्य है।
डा0 चीमा के अनुसार पंजाब सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले में सिख महिलाओं को हैलमेट पहनने से दी गई छूट का पूरी तरह से बचाव कर रही है जबकि दूसरी ओर चंडीगढ़ प्रशासन इसके विपरीत कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मुद्दे को चंडीगढ़ के प्रशासक के साथ उठाएगी तथा सिख महिलाओं सम्बंधी संशोधित परिभाषा को वापिस लेने का अनुरोध करेगी। इसके बाद भी अगर जरूरत पड़ी तो वह प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष इस अति संवेदनशील मुद्दे को उठाएगी। उनका कहना है कि प्रशासन के इस कदम से सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।