लखनऊ। चुनावी साल में उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सरकारी शिक्षकों और कर्मचारियों का आवास किराया भत्ता (एचआरए) और नगर प्रतिकर भत्ता (सीसीए) दोगुना करने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय को मंजूरी दे दी गयी। बढा हुआ एचआरए और सीसीए कर्मचारियों और शिक्षकों को एक जुलाई से देय होगा जिसका भुगतान अगस्त माह में मिलने वाले वेतन में किया जाएगा।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूबे के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि बढे हुये वेतनमान का फायदा राज्य के आठ लाख 50 हजार सरकारी कर्मचारियों और साढे पांच लाख शिक्षकों के अलावा शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को मिलेगा।
इस फैसले से सरकारी खजाने पर 2223 करोड रूपए का अतिरिक्त बोझ पडेगा हालांकि एक अगस्त 2016 को इन भत्तों में 20 फीसदी की बढत की गई थी जिसमें 500 करोड रूपए का वित्तीय भार सरकार पर पडा था। इसके चलते अब सरकार को नए वेतन के लिए 1723 करोड रूपये की और व्यवस्था करनी पडेगी।
उन्होने बताया कि आबादी के लिहाज से सूबे के विभिन्न क्षेत्रों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। पांच लाख से ऊपर की आबादी वाले क्लास ‘ए’ में 15 शहर आते है जिनमें फैजाबाद को हाल ही मे शामिल किया गया है जबकि 50 हजार से पांच लाख की आबादी में 121 नगर और ग्रामीण क्षेत्र है और 50 हजार से कम आबादी वाले क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। एचआरए का निर्धारिण इन्ही तीन श्रेणियों के आधार पर किया गया है।
अग्रवाल ने बताया कि नगर प्रतिकर भत्ता यानी सीसीए आबादी के अनुसार 2008 में फिक्स किया गया था जिसकी अव्वल वर्ग में कानपुर, लखनऊ, नोयडा है जबकि दूसरे वर्ग में वाराणसी, मेरठ, आगरा और इलाहाबाद, तीसरे में बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, गोरखपुर और अलीगढ है।
वर्ग चार में एक लाख से कम आबादी वाले सभी नगरीय क्षेत्र है। उदाहरण के तौर पर लखनऊ में 340 से लेकर 900 रूपए के बीच सीसीए का निर्धारिण किया गया है। 1800 ग्रेड वाले लेबल वन में 340 रूपए और लेबल नौ आैर अधिक में 900 रूपए सीसीए दिया जाएगा। इससे सरकार पर 175 करोड रूपए का वित्तीय भार पडेगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इन दो प्रस्तावों समेत कुल नौ प्रस्तावाें फैसले पर मुहर लगी है।