सबगुरु न्यूज-सिरोही। मानसून आने के साथ जिले में चुनावी मानसून ने भी अपनी दस्तक दे दी है, चुनावी मौसम की पहली बारिश 19 जुलाई को शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही जिले में नवम्बर के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के मोड में कांग्रेस आ जाएगी।
जिला मुख्यालय पर 19 जुलाई को सवेरे साढ़े नौ बजे जिले की विभिन्न समस्याओं को लेकर कांग्रेस की रैली है और अगस्त में हर गांव में छोटी फेरियां निकालकर लोगों को भाजपा की वायदा खिलाफी के प्रति जागरूक करने किया जाएगा।
-ये होंगे कांग्रेस के प्रमुख मुद्दे
इस बार चुनाव में सिरोही और रेवदर विधानसभा में कांग्रेस के लिए भाजपा पर चलाने वाले दो प्रमुख ब्रह्मास्त्र होंगे। इनमें पहला है नर्मदा और दूसरा सिरोही में रेल लाइन के लिए बजट जारी करना। इसके अलावा सिरोही जिले के लिए जो प्रमुख मुद्दा बनेगा वह है सिरोही में एनएचएआई के उथमण, मोरस और सरूपगंज टोल नाकों पर आरजे 24 और आरजे 38 वाहनों को टोल मुक्त करने का।
सिरोही जिले के किसानों का 585 करोड का कर्जा माफ करने, गत दो वर्षो में जिले में हुई अतिवृष्टि से किसानों एवं लोगो को हुये नुकसान का मुआवजा देने, जिले के प्राईवेट ठेके पर दिये गये सरकारी अस्पतालों एवं बिजली घरों का ठेका निरस्त करने, गांवो में अघोषित विधुत कटौति बन्द करने तथा जिले के स्कूल-काॅलेजों में शिक्षक-व्याख्याताओं, पंचायतों में ग्राम विकास अधिकारियों, अस्पतालों में कार्मिकों व डाॅक्टरों एवं पटवारियों के रिक्त पदों को भरने इत्यादि के मामले भी रहेंगे।
-आॅडियो-विजुअल बनेंगे सबसे बडे़ सबूत
इन चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा पर हमला करने के लिए उनके प्रमुख नेताओं को आॅडियो-विजुअल को प्रमुख हथियार बनाने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जावाल और कृष्णगंज सम्मेलन के भाषणों की आॅडियो और विजुअल के माध्यम से भाजपा के खिलाफ जिले में माहौल तैयार करेगी।
कांग्रेस का मानना है कि कृष्णगंज और जावाल की सभाओं में वसुंधरा राजे ने दावा किया था कि उनके शासन में नर्मदा का पानी सिरोही में लाने के लिए सर्वे हो चुका था, इसके बाद सत्ता पाने के लिए उन्होंने यह पानी सिरोही लाने का वायदा सिरोही वासियों से करके उनसे धोखेबाजी की।
-कांग्रेस के लिए आॅक्सीजन हो सकता है लोक सेवा गांरटी अधिनियम
कांग्रेस मुफ्त दवाइयों और जांचों, नरेगा, आरटीआई को अपनी प्रमुख लोक कल्याणकारी योजनाएं बता रही है। लेकिन इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एक ऐसा महत्वाकांक्षी कानून था, जो वर्तमान सरकार लागू करती तो राजस्थान की जनता के आधे कामों को तो यूं ही हल निकल जाता। ये कानून था लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011। इसमें 15 विभागों की 108 सेवाओं को शामिल किया गया था।
चुनाव से कुछ महीने पहले लागू किए गए इस कानून के तहत 15 प्रमुख विभागों की उन सामान्य सेवाओं को शामिल किया गया था, जिनमें आज भी भ्रष्टाचार फैला है। सिरोही में ही तत्कालीन जिला कलक्टर श्रीराम मीणा ने इस अधिनियम के प्रावधानो के तहत हर विभाग के बाहर अधिनियम के अनुसार एक बोर्ड लगवाकर उस विभाग में लागू की जाने वाली सेवाओं की सूची और उसे करने के न्यूनतम दिवस का बोर्ड टंगवाया था।
इसके अलावा इस अधिनियम के तहत किसी काम को करवाने के लिए देने के लिए हर विभाग के लिए एक फाॅर्मेट में रसीद भी छपी थी। इस अधिनियम को वर्तमान सरकार ने अपनी वेबसाइटों और विभागों से हटाकर जनता के साथ जो कुठाराघात किया है वह कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा मुद्दा हो सकता है। 14 नवम्बर 2011 को राजस्थान में इस कानून को लागू किया गया था और देश में राजस्थान एक ऐसा राज्य था जिसमें जनता काम समय पर पूरा नहीं करने वाले सरकारी अधिकारी व कार्मिक पर दण्ड का प्रावधान था।
भ्रष्टाचार को रोकने के अशोक गहलोत सरकार के सबसे प्रभावी हथियार को दफ्तर दाखिल करके वर्तमान सरकार ने जो जनता के साथ नाइंसाफी की है उसे तो कांग्रेस सबसे प्रमुख मुद्दा बनवा भी सकती है और चाहे तो लागू भी करवा सकती है।