अलिआगा। तुर्की की एक अदालत ने बुधवार को एक अमरीकी पादरी को जेल में रखने का फैसला किया। न्यायालय के इस फैसल से इस प्रकार की उम्मीद भी समाप्त हो गई कि आतंकवादी और जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार पादरी को सुनवाई के दौरान रिहा किया जा सकता है। इस मामले को लेकर नाटो सहयोगी अमरीका के साथ तनाव और गहरा हो गया है।
नौर्थ कैरोलिना के ईसाई पाइरी ऐन्ड्रयू ब्रुनसन दो दशकों से अधिक समय से तुर्की में रह रहा है। उस पर वर्ष 2016 में हुए राष्ट्रपति तैय्यप एर्दाेगन के खिलाफ विफल तख्तापलट के प्रयास में शामिल समूह और आतंकवादी संगठन पीकेके कुर्दिश आतकियों की की मदद करने का आराेप है।
ब्रुनसन इन आरोपों से साफ इन्कार करते हैं। यदि वह दोषी ठहराए जाते हैं तो उन्हें 35 वर्ष जेल में बिताने होंगे। उन्होंने अदालत में कहा कि जेल में रहना तथा अपनी पत्नी और बच्चों से अलग होना वाकई मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। यीशु के अनुयायियों को उनके नाम पर पीड़ित किया जा रहा है, अब मेरी बारी है। मैं इन सभी आरोपों में मैं निर्दोष व्यक्ति हूं। मैंने आरोपों को खारिज कर दिया। मुझे पता है मैं यहां क्यों हूं। मैं यहां यीशु के नाम से पीड़ित हूं।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रुनसन की रिहाई करने को कहा है और अमरीकी सीनेट ने पिछले महीने एक बिल पास किया था जिसमें ब्रुनसन की कारावास और तुर्की की रूस से एस -400 वायु रक्षा प्रणाली की तुर्की की खरीद के कारण तुर्की को एफ-35 संयुक्त स्ट्राइक लड़ाकू जेट खरीदने से रोक दिया गया था।
तुर्की के अमरीकी दूतावास ने कहा कि वह इजमिर के एजियन प्रांत के अदालत के आदेश से निराश हैं जहां ब्रुनसन रह रहे थे। अमरीकी दूत चार्ज डी अफेयर्स फिलिप कोसेट ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि हमारी सरकार आपातकाल शासन के दौरान आपराधिक नियमों के तहत हिरासत में रखे गए ब्रुनसन और अन्य अमरीकी नागरिकों तथा अमरीकी मिशन के तुर्की के स्थानीय कर्मचारियों की स्थिति को लेकर काफी चिंतित है।