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थाइलैंड में गुफा के भीतर से बचाए गए बच्चे की अस्पताल से छुट्टी
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थाइलैंड में गुफा के भीतर से बचाए गए बच्चे की अस्पताल से छुट्टी

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थाइलैंड में गुफा के भीतर से बचाए गए बच्चे की अस्पताल से छुट्टी
thai cave boys recall battle to survive and moment they were found
thai cave boys recall battle to survive and moment they were found

चियांग राई। थाइलैंड की गुफा से बचाए गए सभी बच्चाें को बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई अौर गुरुवार सुबह कईं हफ्तों बाद ये अपने घरों में पहली बार नींद से जागे। इनमें से अनेक बच्चों ने तड़के धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लिया है।

आधिकारिक सूत्रोें ने बताया कि 11 से 16 वर्ष की उम्र के इन 12 बच्चों और 25 वर्षीय उनके कोच को बुधवार काे उत्तरी छियांग राई प्रांत के एक अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और इसके बाद ये सभी अपने घर जाकर सुकून की नींद सोए।

इन बच्चों को राष्ट्रीय टेलीविजन के एक कार्यक्रम में भी दिखाया गया है जिसमें वे हंसते और खिलखिलाते नजर आ रहे थे और इन बच्चों ने अपने उन दुखद: और भयंकर क्षणों का भी जिक्र किया जब उन्हे जिंदा रहने के लिए गुफा के भीतर जीवन के लिए संघर्ष करना पडा था।

अस्पताल से जब इन्हें छुट्टी दी गई तो बाहर इनके परिजनों और रिश्तेदार आंखों में अांसू भरे इनका इंतजार कर रहे थे और इन्हें घर ले जाते समय उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था।

इनमें से अनेक बच्चों ने माई साई वात फाथाट वाओ मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया और इस दौरान मीडिया काे उनके पास जाने की अनुमति नहीं दी गई।

इन बच्चों को बचाने में विश्व के अनेक देशों ने अपनी तरफ से हर संभव सहायता की थी लेकिन इनकी गुफा तक आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने के दौरान थाईलैंड नौसेना के एक पूर्व कमांडो सामारन कुनान की छह जुलाई को मौत हो गई थी। यह बचाव मिशन कईं दिनों तक चला और आक्सीजन पहुंचाने के अभियान के दो दिन बाद इनमें से कुछ बच्चों को गुफा से निकाला गया था।

इन बच्चों ने टेलीविजन कार्यक्रम में बताया कि फुटबाल की प्रैक्टिस के बाद ये सभी उस गुफा में मौज मस्ती के लिए गए थे और उनका वहां अाधे घंटे तक रूकने का कार्यक्रम था लेकिन इसी दौरान बाहर हुई भीषण बारिश से गुफा में पानी भर गया और मजबूरन वे भीतर की और चले गए। पानी का स्तर बढ़ जाने से वहां दलदल जैसी स्थिति बन गई थी और ये सभी उसी के भीतर रह गए थे।

इनमें से एक बच्चे पार्नछाई कामलुआंग (16) ने बताया कि उनके पास न खाना था और न ही पीने का पानी , पहले दो दिन तक सभी बच्चे ठीक रहे लेकिन तीसरे दिन भूख और प्यास से इन्हें थकान हाेने लगी अौर गुफा की उपरी छत से रिसते पानी को पीकर इन्होंने अपनी प्यास बुझाई। इस दौरान उनके कोच एकापोल छांतावोंग ने उनका मनोबल मनाए रखा और उनमें नकारात्मकता की भावना नहीं आने दी।

इस फुटबाल टीम के सबसे छोटे सदस्य टाईटन ने बताया कि वह घटना उसकी जिंदगी का एेसा अनुभव है जिसने उसकी जीवटता को बढाया है और अब वह जीवन में हर तरह की स्थिति का सामना करने को तैयार है। ये सभी बच्चे उन्हें बचाने में अपनी जान गंवाने वाले नौसेना के पूर्व कमांडों की स्मृति में कुछ धार्मिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे।