कानपुर। इंडियन प्रीमियर लीग के चेयरमैन राजीव शुक्ला के पर्सनल असिस्टेंट मोहम्मद अकरम सैफी पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुये उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ ने दलील दी है कि संघ खिलाड़ियों के चयन के लिए होने वाले ट्रायल में पूरी पारदर्शिता बरतता है और अनर्गल आरोप लगाने वाले शख्स को अपनी लिखित शिकायत यूपीसीए के दफ्तर में दर्ज करानी चाहिए।
यूपीसीए के सूत्रों ने गुरूवार को कहा कि खिलाड़ी के चयन के लिए दवाब बनाने की नीति के तहत राहुल शर्मा नामक शख्स अनर्गल आरोप लगा रहा है। पिछले पांच वर्षों के रिकार्ड में राहुल शर्मा नामक इस शख्स का कोई नाम नहीं है।
सूत्रों ने कहा कि अगर उसे यूपीसीए के किसी अधिकारी से कोई शिकायत थी तो उसे इसकी लिखित शिकायत दर्ज करानी चाहिए मगर जब उसका नाता संघ से नहीं तो वह ऐसा करने की हिम्मत कैसे जुटा सकता था। अकरम आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला के पीए हैं, इस नाते राहुल ने उनको निशाना बनाया ताकि यूपीसीए पर दवाब बनाकर अपना उल्लू सीधा कर सके।
उन्होंने कहा कि यूपीसीए की ट्रायल प्रक्रिया बेहद पारदर्शी है जिसमे पहले जिला स्तर पर स्कोर करना होता है, उसके बाद मंडल, फिर जोन स्तर पर खिलाड़ी के हुनर को परखा जाता है जिसके बाद ही उसे मुख्य ट्रायल का मौका मिलता है। इस तरह मुख्य ट्रायल में खेलने के लिए एक युवा खिलाड़ी को कम से कम 15 मुकाबलों में अपने हुनर का इम्तिहान देना पडता है।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी का इस मामले में कहना है कि इसमें एक जांच आयोग बैठाया जाएगा जो बीसीसीआई के संविधान 32 के अनुसार है। इस नियम के अनुसार बीसीसीआई ने सैफी से इन आरोपों को लेकर स्पष्टीकरण भी मांगा है। जांच कमिश्नर नियुक्त होने के बाद सैफी से पूछताछ करेंगे और अपनी रिपोर्ट 15 दिन के अंदर देंगे।
जहां तक उत्तर प्रदेश क्रिकेट का मामला है तो उसे उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ देखेगा। वैसे यूपीसीए ने अकरम सैफी पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दलील दी है कि संघ खिलाड़ियों के चयन के लिए होने वाले ट्रायल में पूरी पारदर्शिता बरतता है।
स्टिंग अॉपरेशन में दिखाए गए क्रिकेटर राहुल ने भारत या फिर किसी राज्य की टीम की ओर से कभी नहीं खेला है। लेकिन राहुल ने आरोप लगाया है कि सैफी ने उनसे राज्य की टीम चयन के लिए रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने साथ ही सैफी पर झूठे उम्र का प्रमाणपत्र तैयार करने का भी आरोप लगाया है। लेकिन सैफी ने इन आरोपों से इंकार किया है।
इस बीच उत्तर प्रदेश टीम के पूर्व कप्तान और खेल से संन्यास ले चुके मोहम्मद कैफ ने ट्वीट कर कहा कि वह इन आरोपों से काफी स्तब्ध हैं और इसकी जांच की जानी चाहिए। कैफ ने कहा कि मैं भ्रष्टाचार के आरोपों को सुनकर हैरान हूं। युवा खिलाड़ी इस तरह से भ्रष्टाचारी लोगों से त्रस्त रहते हैं। शुकला जी आपको इस मामले में पारदर्शी तरीके से जांच करानी चाहिए।
सूत्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं और प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व करने की लालसा हर खिलाड़ी काे रहती है। इसके चलते कई नामी गिरामी हस्तियों की सिफारिश यूपीसीए के पास आती है मगर हर एक को संघ का जवाब एक ही होता है कि चयन प्रक्रिया का पालन करके ही खिलाड़ी का चयन संभव है।