जयपुर। जन कल्याण संस्थान एवं लघु उद्योग भारती के कौशल विकास केन्द्र के नवनिर्माणाधीन भवनों का भूमि पूजन शनिवार को जयपुर स्थित रामचन्द्रपुरा महल रोड जगतपुरा में विधिविधान के साथ संपन्न हुआ।
भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान उपस्थित विशाल जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि धर्म जागरण समन्वय के तत्वावधान में निर्मित होने वाले सामाजिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र के जरिए विभिन्न जातियों समुदायों के आर्थिक व सांस्कृतिक पहलुओं का अध्ययन कर सामंजस्य के लिए बौद्धिक एवं वैचारिक आधार तैयार किया जाएगा।
उन्होंने आह्वान किया कि हमें अपनी महान गौरवशाली परम्परा, विश्वास, रीति-रिवाज एवं आध्यात्मिक चिन्तन को युवा पीढ़ी तक ले जाने का कार्य करना होगा। यहां बनने वाले लघु उद्योग भारती के कौशल केन्द्र में राजस्थान के युवाओं को स्वयं के उद्योग विकसित करने में सहायता प्राप्त होगी।
उन्होंने कहा कि दुनिया के लोग क्या चाह रहे हैं, ऐसी वस्तुओं को डिजाइन करने का कार्य यहां सम्पन्न होगा। लघु उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था का मूल आधार बनेगा, इसके लिए उन्होंने कौशल प्रशिक्षण पर जोर दिया और कहा कि अपने स्टार्टअप लाने वाले युवाओं व विशेष रूप से महिलाआें को राज्य सरकार सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं के स्टार्टअप के लिए 500 करोड़, महिलाओं के स्टार्टअप के लिए 100 करोड़ और क्लीन एंड ग्रीन स्टार्टअप के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि हजारों साल पहले जो आक्रान्ता भारत आए उन्होंने हमारे विश्वास, मान्यताओं यहां तक की धर्म को तलवार के बल पर परिवर्तन का कार्य किया, जिसकी वजह से उस भीषण कष्ट की आंधी में जो बंधु हमसे दूर चले गए उन्हें पुनः अपनी जड़ों की ओर ले जाने का कार्य करना होगा। उन्हें अपने पूर्वजों का स्मरण कराने का कार्य वंशावली संरक्षण संस्थान जैसे संगठन भली भांति कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत के इंजीनियर, डॉक्टर, व्यापारी, प्रबन्धक, प्रशासनिक अधिकारी, सैन्य अधिकारी पिछले 60-70 वर्षों से विश्व में अपना लोहा मनवा रहे हैं। लेकिन इस देश को गरीबी, कुपोषण, निरक्षरता आदि का अभिशाप भी झेलना पड़ रहा है। इन कमियों को दूर करके अपने देश को दुनिया के अग्रणी देशों की गिनती में लाकर के पुनः आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित करने का कार्य करने में लघु उद्योग भारती जैसे संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में भारत उद्योगों का देश था, कालीन, रेशम, सूती कपड़ा, आभूषण, आयुर्वेद औषधि, सुगन्धित तेल, हाथीदांत का सामान पूरी दुनिया में निर्यात होता था। तब भारत की पूरे विश्व में आर्थिक भागीदारी 33 प्रतिशत थी। समय बदला हम गुलाम हुए। देश के कुटीर उद्योग नष्ट प्रायः हुए जिसकी वजह से हमें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। आज आवश्यकता है कि पुनः लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए।
इस अवसर पर वनवासी आश्रम बांसवाड़ा के पूज्य स्वामी उत्तम महाराज ने दोनों संस्थानों को आशीर्वाद देते हुए सभी का आह्वाहन किया कि इस सामाजिक कार्य में अधिक से अधिक सहयोग प्रदान करें।
धर्म जागरण समन्वय के अखिल भारतीय विधि एवं निधि प्रमुख रामप्रसाद ने बताया कि जन कल्याण संस्थान के विभिन्न उपागमों यथा धर्म जागरण समन्वय, संस्कृति समन्वय, वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान, शोध केन्द्र तथा प्रकाशन संबंधित कार्य इस भवन में किए जाएंगे।
इससे देश के वंचित वर्ग और बिछुड़े बंधुओं के सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तीकरण के लिए महत्वपूर्ण आंकड़ों एवं तथ्यों का विश्लेषण कार्य सम्पन्न होगा। इस डेटा सेन्टर में लोगों को जहाँ वंशावलियों के माध्यम से अपने पुरखों को जानने का अवसर प्राप्त होगा वहीं लोगों की जातियों में आ रहे सामाजिक परिवर्तन का अध्ययन किया जा सकेगा।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय. धर्म जागरण समन्वय प्रमुख शरदराव ढोले, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र गुप्त, निवर्तमान अध्यक्ष ओम प्रकाश मित्तल, लघु उद्योग भारती राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष ताराचंद गोयल, जन कल्याण संस्थान के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल मित्तल ने भी कार्यक्रम में अपना उद्बोधन प्रदान किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख सुरेश चन्द, क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद, सह क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम, जयपुर प्रांत प्रचारक शैलेन्द्र, सेवा भारती के मूलचंद सोनी आदि वरिष्ठ प्रचारक एवं वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, परमेश्वर ब्रह्मभट्ट उपस्थित थे। कार्यकम का संचालन जन कल्याण संस्थान के सचिव डॉ. आषुतोष पंत ने किया।