नयी दिल्ली । बिहार के मुजफ्फरपुर में अल्पावास गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला आज लोकसभा में उठा तथा गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया कि राज्य से सिफारिश मिलते ही केंद्र सरकार मामले की जाँच केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप देगी।
सिंह ने विपक्षी सदस्यों द्वारा यह मामला उठाये जाने पर कहा “निश्चित रूप से यह गंभीर विषय है। राज्य सरकार जैसे ही सिफारिश करती है हम सीबीआई जाँच का आदेश दे देंगे।”
इससे पहले कांग्रेस की रंजीत रंजन ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुये कहा कि मुजफ्फरपुर के बालिका सुधार गृह में 29 बच्चियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हो चुकी है। पीड़ितों में एक सात साल की बच्ची शामिल है जो अब बोल भी नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि 13 बालिका तथा बाल सुधार गृहों पर आरोप हैं कि वहाँ यौन शोषण की रिपोर्टें सामने आयी हैं तथा पता चला है कि काउंसिलिंग के नाम पर उन्हें सफेदपोश लोगों के पास भेजा जाता था।
रंजन ने कहा कि मुजफ्फरपुर से बच्चियों को मोकामा, भागलपुर और मधुबनी के अल्पावास गृहों में भेजा गया है। लेकिन इन अल्पावास गृहों पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता। बच्चियों पर बयान बदलने के लिए दबाव बनाया जा सकता है।
उन्होंने माँग की कि अदालत की निगरानी में मामले की सीबीआई जाँच करायी जाये और जाँच तथा सुनवाई पूरी होने तक केंद्र सरकार बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। साथ ही उन्होंने देश भर में बाल सुधार गृहों, निजी स्कूलों तथा कस्तूरबा विद्यालयों के छात्रावासों की जाँच कराने की माँग की।
राष्ट्रीय जनता दल के जयप्रकाश नारायण यादव ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर मामले के आरोपियों को रसूखदार लोगों का संरक्षण प्राप्त है।