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नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 17 हवाईपट्टी एवं हवाई अड्डे बनेंगे : गडकरी
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नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 17 हवाईपट्टी एवं हवाई अड्डे बनेंगे : गडकरी

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नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 17 हवाईपट्टी एवं हवाई अड्डे बनेंगे : गडकरी
17 airplanes and airports at the new Delhi-Mumbai expressway, Baneng-Nitin Gadkari
17 airplanes and airports at the new Delhi-Mumbai expressway, Baneng-Nitin Gadkari
17 airplanes and airports at the new Delhi-Mumbai expressway, Baneng-Nitin Gadkari

नयी दिल्ली। दिल्ली से मुंबई के बीच प्रस्तावित नये एक्सप्रेसवे पर मार्ग में 17 स्थानों पर सड़क पर ही हवाई पट्टी बनायी जाएगी और उसके किनारे हवाई अड्डे बने होंगे जिन पर कुछ मिनट के लिए यातायात रोककर विमान उतर या उड़ान भर सकेंगे।

यह जानकारी केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल में दी। एक पूरक सवाल के जवाब में श्री गडकरी ने कहा कि दिल्ली से मुंबई के बीच नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है जो हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश के पिछड़े इलाकों से गुजरेगा।

गडकरी ने कहा कि इससे न केवल इन राज्यों के पिछड़े क्षेत्रों का विकास होगा बल्कि एक लाख करोड़ रुपये की इस परियोजना की लागत में भी करीब 16,000 करोड़ रुपये की कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि मुंबई से वड़ोदरा के बीच 44 हजार करोड़ रुपये के ठेके आवंटित कर दिये गये हैं और दिसंबर तक मध्य प्रदेश के झाबुआ, रतलाम, राजस्थान के अलवर होते हुये दिल्ली के बीच अधिकांश ठेके आवंटित कर दिये जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे पर 17 जगहों पर सड़क सह हवाई पट्टी बनायी जाएगी। इन हवाई पट्टियों पर यातायात को चंद मिनटों के लिए रोक कर विमानाें को उतारा जायेगा या उन्हें उड़ान भरने दी जाएगी। इसके बाद यातायात चालू कर दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि यह नया एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) के बीचोंबीच से गुजरेगा और नये औद्योगिक नगर इस एक्सप्रेस-वे से जुड़ सकेंगे। इस एक्सप्रेस-वे के किनारे बनने वाले हवाई अड्डे यात्री परिवहन के अलावा कार्गो परिवहन में उपयोगी होंगे। दिल्ली के निकट दादरी से मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक बनने वाले रेलवे के पश्चिमी मालवहन गलियारे से भी डीएमआईसी को पंख लगेंगे।

गडकरी ने कहा कि मुंबई से कोचीन होकर कन्याकुमारी तक भी एक नया एक्सप्रेस-वे बनाने का विचार है। इससे 200 किलोमीटर से अधिक का सफर कम होगा।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारतमाला परियोजना के तहत कुल 84,000 किलोमीटर सड़क बनायी जायेगी जिस पर साढ़े सात लाख करोड़ रुपये की लागत आने तथा 10 करोड़ श्रम दिवस रोज़गार सृजित होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि परियोजना के प्रथम चरण में 34,800 किलोमीटर राजमार्गों काे लिया गया है। इस साल के अंत तक 5.35 लाख करोड़ रुपये के काम शुरू कर दिये जाएंगे।

मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे में यातयात के बढ़ते दबाव के बारे में पूछे गये सवाल पर  गडकरी ने माना कि देश में हर जगह यातायात घनत्व बढ़ रहा है। उन्होंने यातायात घनत्व के अाधार पर कई राज्यमार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया है और उसी आधार पर उनको चार या छह लेन का बनाने का निर्णय लिया है। लेकिन, इसमें नौकरशाही अड़ंगे लगाती है। उन्होंने बताया कि सरकार देश में एक्सेस कंट्रोल्ड 12 एक्सप्रेस-वे बना रही है जिनमें नियंत्रित यातायात ही चलेगा।